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भ्रष्टाचार में लिप्त है कांग्रेसः नितिन गडकरी

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले की वजह से इस सरकार को सत्ता से हाथ धोना पड़ेगा. इसके साथ उन्होंने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया.

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नितिन गडकरी
नितिन गडकरी

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के कारण देश में आज बने माहौल के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जिम्मेदार हैं तथा सालों तक विपक्ष में रही उनकी पार्टी के लिए अब शासन की जिम्मेदारी संभालने का समय आ गया है.

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गडकरी ने पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के अधिवेशन के अपने उद्घाटन भाषण में कहा, ‘हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ही महाभारत की लड़ाई हुई थी और कौरवों पर पांडवों की विजय हुई थी. हरियाणा के सूरजकुंड से ही आज यह संदेश जा रहा है कि देश में भविष्य में होने वाले ‘महाभारत’ में सत्य की जीत होगी और भ्रष्टाचार की हार होगी.’ भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘आज मैं हरियाणा की भूमि से गर्जना कर रहा हूं कि भ्रष्टाचार में लिप्त मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की सरकार जाएगी और भाजपा सत्ता में आकर देश का भविष्य बदलेगी.’

उन्होंने कहा, 'भाजपा ने विपक्ष में बहुत दिनों तक काम किया है. आज हमें सुशासन की भूमिका में आना है. देश हमारी तरफ उम्मीद से देख रहा है.'

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उन्होंने संप्रग सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से साबित हो गया है कि देश में भ्रष्टाचार के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जिम्मेदार हैं जिनकी छत्रछाया में यह भ्रष्टाचार हुआ है.

उन्होंने ‘सीबीआई’ को कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब तो ऐसा लगता है कि कांग्रेस कार्यालय में ही सीबीआई निदेशक को एक कमरा दे दिया जाए. उन्होंने कहा कि सहयोगी दलों को सीबीआई की फाइलें दिखाकर डराया जा रहा है.

गडकरी ने दावा किया, ‘केंद्र में संप्रग सरकार बहुमत खो चुकी है. जनादेश वह पहले ही खो चुकी थी. संप्रग से तृणमूल कांग्रेस के निकलने के बाद साफ हो गया है कि वह केंद्र में सरकार नहीं चला सकती और डूबते जहाज की तरह संप्रग से एक-एक करके उसके सहयोगी बाहर आ रहे हैं.’

भाजपा प्रमुख ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘मौन मोहन’ ‘साइलेंट मोड’ में हैं. उन्हें अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री कहा जाता है लेकिन वह अर्थशास्त्र की परीक्षा में विफल हैं और उन्हें ‘अनर्थशास्त्री’ कहना ठीक होगा.

उन्होंने कहा, ‘अपने को चर्चा के लिए सदैव तैयार बताने वाले संप्रग के लोग 2जी मामले में बनी संयुक्त संसदीय समिति के सामने आने से क्यों डर रहे हैं. प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि उनका मौन रहना ही देश के लिए हितकारी है. हाल ही में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में इसके अध्यक्ष पीसी चाको ने भाजपा के रविशंकर प्रसाद को बोलने नहीं दिया. यह सब देश के संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.’

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कांग्रेस के शासन में ‘आकाश, पाताल और जमीन’ सभी जगह घोटाले होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला आकाश में, कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला जमीन के अंदर और राष्ट्रमंडल खेल जमीन पर बनाये गये स्टेडियमों में भ्रष्टाचार हुआ.

उन्होंने कहा कि कैग ने इन तीन घोटालों को लेकर अपनी रिपोर्टों में 4 लाख 38 हजार करोड़ रुपये के घोटाले की ओर इशारा किया है. इतने अपार धन से देश में क्या क्या हो सकता है इस पर अर्थशास्त्र के पीएचडी के किसी छात्र को शोध करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि अगर विदेशों में जमा 21 लाख करोड़ रुपये का कालाधन और घोटालों का धन देश के विकास में लगता तो गांव, गरीब, मजदूर, किसान और युवाओं का कल्याण होता.

एफडीआई की कड़ी मुखालफत करते हुए भाजपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस ने अपने भ्रष्टाचार को छिपाने और उससे देश की जनता का ध्यान हटाने के लिए खुदरा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का फैसला किया है लेकिन ‘हम डंके की चोट पर कहते हैं कि छोटे व्यापारियों को बर्बाद करते हुए देश में एफडीआई नहीं लाने देंगे.’

गडकरी ने कहा कि भाजपा संसद के अगले सत्र में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के नेतृत्व में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएगी और सरकार को एफडीआई पर फैसला वापस करने के लिए मजबूर कर देंगे. इस बाबत कोई समझौता नहीं होगा.

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भाजपा के सुधार विरोधी होने के आरोपों को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने वित्त संबंधी संसद की स्थाई समिति में 11 वित्त विधेयकों की सिफारिश की है लेकिन सरकार उन्हें आज तक संसद में नहीं लाई और एफडीआई का विरोध करने पर हम पर आर्थिक सुधारों के खिलाफ होने का आरोप लगाती है.

करीब डेढ़ घंटे के अपने भाषण में गडकरी ने कहा कि संप्रग सरकार में नेतृत्व, निर्णय लेने क्षमता और विश्वसनीयता की कमी है.

गडकरी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने गरीबी को हटाने की बात कही थी जिसे राजीव गांधी ने भी दोहराया.

सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मनमोहन सिंह ने भी 100 दिन में गरीबी कम करने का वादा किया लेकिन गलत आर्थिक नीतियां, भ्रष्टाचार और कुशासन के कारण ऐसा नहीं हो सका.

भाजपा प्रमुख ने अटल बिहारी वाजपेयी नीत राजग सरकार के कार्यों की याद दिलाते हुए दावा किया कि उनकी प्रेरणा से भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंखी विकास की दिशा में काम कर रहे हैं लेकिन ‘सोनिया जी बताएं कि क्या कांग्रेस शासित राज्यों में ऐसा हो रहा है. पहले नंबर पर रहने वाला महाराष्ट्र आज सातवें, आठवें स्थान पर है.’

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