कांग्रेस को भ्रष्टाचार की जड़ बताते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने देश को आपातकाल जैसी स्थिति से उबारने और लोकतंत्र की बहाली के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं से लम्बे संघर्ष के लिए तैयार रहने को कहा.
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में भ्रष्टाचार, कालाधन और सरकार की तानाशाही के खिलाफ भाजपा के महाआंदोलन को संबोधित करते हुए आडवाणी ने कहा, ‘पिछले छह महीने से चारों ओर देशभर में घोटालों की चर्चा है. पहली बार केंद्र सरकार के मंत्री को न केवल इस्तीफा देना पड़ता है बल्कि जेल जाना पड़ता है और सरकार इसकी व्याख्या गर्व के साथ करती है.’
उन्होंने कहा कि विदेशों में जमा कालाधन देश में वापस लाने के लिए रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के आंदोलन को कुचलने के लिए बल प्रयोग किया जाता है, बच्चों एवं महिलाओं की बर्बर तरीके से मारा पीटा जाता है और प्रधानमंत्री इसे जायज ठहराने का प्रयास करते हैं.
सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘कांग्रस पर तीखे शब्दों का प्रयोग करने से कोई परिवर्तन नहीं आने वाला है. परिवर्तन लोगों के समर्थन, हमारी दृढ़ता और लगन से आयेगा. हम लोकतंत्र के लिए संघर्ष कर रहे हैं, किसी नेता को हटाने के लिए नहीं. आपातकाल जैसी स्थिति में आज सरकार की तानाशाही को समाप्त करने के लिए संयम की जरूरत है. भाजपा के पास संयम है और हम सरकार के खिलाफ अपना अभियान जोर शोर से आगे बढ़ायेंगे.’
आडवाणी ने कहा, ‘भ्रष्टाचार के लगातार मामलों से सरकार पूरी तरह से घिर गई है. इन मामलों में जो कार्रवाई हुई है वह अदालत के आदेश पर हुई है. सरकार दोषियों को बचाने में लगी हुई है. इन मामलों पर प्रधानमंत्री गठबंधन की राजनीति की मजबूरियों की दुहाई देते हैं.’
उन्होंने कहा कि भाजपा नीत राजग सरकार के दौरान हमने भी गठबंधन सरकार चलायी लेकिन हमें ऐसी मजबूरी का सामना नहीं करना पड़ा. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान सबसे पहले कालाधन का मुद्दा उठाया था. उस समय जिसने पहली प्रतिक्रिया दी थी, उसका नाम (मनमोहन सिंह) वह नहीं लेना चाहते हैं. लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इसे चुनावी हथकंडा बताया था. उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार और कालाधन छोटी समस्या नहीं है. लेकिन सरकार इस पर आंखे मूंदे हुए है. भाजपा भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन को अंजाम तक पहुंचायेगी.’