कर्नाटक की भाजपा सरकार से कथित भूमि घोटालों, भाई-भतीजावाद और पंसदीदा लोगों को लाभ पहुंचाने के कारण तुरंत इस्तीफा दिये जाने की मांग करते हुए कांग्रेस ने यहां एक रैली में भाजपा हटाओ, कर्नाटक बचाओ नामक अभियान शुरू करने की घोषणा की.
रैली को संबोधित करते हुए पार्टी नेताओं ने लोगों से बी एस येदियुरप्पा को सत्ता से हटाने के लिए कहा. पार्टी नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूब गयी है और उसने विकास की अनदेखी की है.
विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने कहा कि सरकार का सारा ध्यान जमीनों को अधिसूचना के दायरे से बाहर करने में है, न कि जन कल्याण पर.
कर्नाटक के 1999 से 2004 तक मुख्यमंत्री रह चुके कृष्णा ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह ‘ब्रांड बेंगलूर’ को नष्ट कर रही है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में किये गये अथक प्रयासों के जरिये आईटी और बीटी (जैव प्रौद्योगिकी) क्षेत्र को प्रोत्साहन मिला था.
उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार विनाश के कगार पर है और उसका पतन किसी भी समय हो सकता है. कर्नाटक में कांग्रेस के सत्ता में लौटने के दिन अब ज्यादा दूर नहीं हैं.’ विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेता सिद्धारमैया ने येदियुरप्पा पर तीखा प्रहार करते हुए उन्हें ‘महा झूठा और कायर मुख्यमंत्री करार’ दिया.{mospagebreak}
सिद्धारमैया ने कहा, ‘येदियुरप्पा उनकी सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बहस के लिए विपक्ष को चुनौती देते हैं लेकिन विधायिका के भीतर वह यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई चर्चा न हो.’
उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं सहित भाजपा आलाकमान सरकार के भ्रष्टाचार को दबाने के लिए येदियुरप्पा के पीछे खड़ा है.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘येदियुरप्पा को पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. उन्हें तुरंत हट जाना चाहिए. सरकार अपना आंदोलन तब तक जारी रखेगी जब तक सरकार इस्तीफा नहीं दे देती.’ उन्होंने आरोप लगाया कि येदियुरप्पा ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच का जिम्मा लोकायुक्त के सौंपे जाने से परहेज किया क्योंकि उन्हें आशंका थी कि वह समस्या में पड़ सकते हैं.
सिद्धारमैया ने कहा, ‘लिहाजा उन्होंने न्यायिक जांच का विकल्प चुना.’