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चिदंबरम पर स्वामी के आरोपों को कांग्रेस ने खारिज किया

टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन मुद्दे पर गृह मंत्री पी. चिदंबरम के इस्तीफे की विपक्ष की मांग को कांग्रेस ने खारिज कर दिया और कहा कि हम सुब्रमण्यम स्वामी के आरोपों को किसी भी तरह से स्वीकार नहीं करते हैं.

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गृह मंत्री पी. चिदंबरम
गृह मंत्री पी. चिदंबरम

टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन मुद्दे पर गृह मंत्री पी. चिदंबरम के इस्तीफे की विपक्ष की मांग को कांग्रेस ने खारिज कर दिया और कहा कि हम सुब्रमण्यम स्वामी के आरोपों को किसी भी तरह से स्वीकार नहीं करते हैं.

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इस मुद्दे पर भाजपा ने चिदंबरम के इस्तीफे की मांग की है, जबकि कांग्रेस ने मुख्य विपक्षी दल पर निष्कर्ष पर पहुंचने का आरोप लगाया है.

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भाकपा ने भी कहा है कि चिदंबरम की भूमिका पर गौर करने की जरूरत है. इस बीच, चिदंबरम का उनके साथी केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने बचाव किया है.

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने बताया, ‘पार्टी उनकी ईमानदारी पर संदेह नहीं कर रही है. इस स्पष्ट मुद्दे को डॉ. स्वामी ने शीर्ष अदालत में उठाया है और मामला न्यायालय के विचाराधीन है.’

सिंघवी ने कहा कि कार्यवाही पूरी होने का इंतजार किये बिना डॉ. स्वामी या किसी अन्य के लिये इस मुद्दे पर समय से पहले फैसला बता देना अत्यधिक आपत्तिजनक और अनुचित है. स्वामी ने उच्चतम न्यायालय में वित्त मंत्रालय का एक दस्तावेज सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि अगर तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जोर दिया होता तो दूरसंचार मंत्रालय 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन के लिये नीलामी प्रक्रिया को अपना लेता.
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भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पहले दिन से यह स्पष्ट है कि चिदंबरम ही 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन के ए राजा के नुस्खे पर सहमत हुए.

कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने इस पर कहा कि भाजपा को हर बात पर उत्साहित नहीं होना चाहिये. भाजपा निष्कर्ष निकाल रही है. लेकिन हमें इंतजार करना चाहिये.

भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा कि चिदंबरम की स्थिति नैतिक रूप से ऐसी हो गयी है जिसका समर्थन नहीं किया जा सकता. वित्त मंत्री के रूप में उनकी भूमिका की जांच करने की जरूरत है.

इस बीच, केंद्रीय विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने चिदंबरम का बचाव करते हुए कहा है कि गृह मंत्री को अपराध से जोड़ना अनुचित है. उन्होंने कहा, ‘चिदंबरम नीतिगत फैसले में शामिल थे. वह सही हो सकते थे, गलत भी हो सकते थे. हो सकता है कि उन्हें लगा हो कि उन्हें अलग नजरिया अपनाना चाहिये या यह भी हो सकता है कि उन्होंने समान नजरिया अपनाने की सोची हो, फिर भले ही वह सोच अलोकप्रिय हो.’
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खुर्शीद ने कहा, ‘लेकिन आप आपराधिक तत्व में उनका नाम नहीं घसीट सकते और इसे सर्कस नहीं बना सकते. मेरे विचार से ऐसा करना अनुचित होगा. मुझे लगता है कि अगर हमने ऐसा करना शुरू कर दिया तो कोई भी सुरक्षित नहीं रहेगा.’

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