रामलीला मैदान में सत्याग्रह कर रहे लोगों के खिलाफ बर्बरतापूर्ण कार्रवाई करने के आरोपों से घिरी केंद्र सरकार अब भी चेतने का नाम नहीं ले रही है. इस बार कांग्रेस अन्ना हजारे के प्रस्तावित अनशन से निपटने के लिए तकनीक का सहारा ले रही है.
मजबूत लोकपाल के पैरोकार समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा 16 अगस्त से फिर से अनशन पर बैठने की घोषणा के बाद अब कांग्रेस एक नई चाल चल रही है. कांग्रेस ने प्रस्तावित आंदोलन के खिलाफ एसएमस अभियान छेड़ दिया है.
लोगों को +919212472681 मोबाइल नंबर से एक खास एसएमएस भेजे जा रहे हैं. एसएमएस में लिखा है कि अगर 16 अगस्त को अन्ना हजारे अनशन पर बैठे, तो उन्हें भी वैसे ही कुचल देंगे, जैसे बाबा रामदेव को कुचला था.
बात सिर्फ इतनी ही नहीं है. हद तो तब हो गई, जब एसएएम में यह भी लिखा आ रहा है कि 'फॉर्वर्ड टू ऑल'. इस संदेश से इतना तो स्पष्ट हो ही जाता है यह प्रस्तावित आंदोलन को कुचलने की सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है.
बिना रजिस्टर किए नंबरों पर भी ये मैसेज जबरदस्ती भेजे जा रहे हैं. यह भी अपने-आप में कम बड़ा जुर्म नहीं है. जिन लोगों ने 'डू नॉट डिस्टर्ब' सेवा ले रखी है, उन्हें भी ये एसएएमएस भेजे जा रहे हैं.
यूं तो अन्ना हजारे की मुहिम से जुड़ने की चाह रखने वालों को भी मैसेज भेजे गए थे, लेकिन इसके लिए पहले एक खास नंबर पर मिस्ड कॉल करना जरूरी होता था. बाद में उस नंबर पर मैसेज आता था. लेकिन मौजूदा मामला ज्यादा घातक इरादों वाला मालूम पड़ता है.
गौरतलब है कि चारों ओर भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता सरकार से यह उम्मीद लगाए बैठी है कि वह मजबूत लोकपाल बिल लाकर देश को कुचक्र से बाहर निकाले, लेकिन शायद सरकार की नीयत में ही खोट है.
यही वजह है कि केंद्र सरकार 'सरकारी लोकपाल' के पक्ष में है. ऐसे में अगर अन्ना हजारे या बाबा रामदेव कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाते हैं, तो इसमें आश्चर्य ही क्या है? जहां तक पब्लिक की बात है, वह सब जानती है. सिर्फ जानती ही नहीं है, सही अवसर आने पर सही 'फैसले' भी सुना देती है और सियासी चालें चलने वाले महारथी सिर धुनते रह जाते हैं.