बसपा, सपा के बहिष्कार और ‘कोटा के भीतर कोटा’ के अपने रुख पर जदयू के कायम रहने के कारण महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार की ओर से बुलायी गई सर्वदलीय बैठक बेनतीजा रही.
सरकार में शामिल तृणमूल कांग्रेस ने भी पिछड़े एवं अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं के हितों का ध्यान रखे जाने पर जोर दिया. बैठक के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधेयक पर सहमति बनाने के लिए आगे विचार विमर्श जारी रखा जायेगा और संसद के मानसून सत्र से पहले एक और बैठक बुलाई जायेगी.
उन्होंने कहा कि बैठक में भाग नहीं लेने वाले सपा और बसपा के नेताओं से वह अलग से चर्चा करेंगी. हालांकि विधेयक के मौजूदा प्रारूप का विरोध करने वाले दलों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने रुख पर कायम रहेंगे.
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष से आमसहमति बनाने का आग्रह किया ताकि सदन में कोई अप्रिय स्थिति पैदा नहीं हो. सुषमा ने कहा, ‘जो सदस्य विधेयक के मसौदे से असहमत हैं उन्हें अपना विचार रखने का मौका दिया जाना चाहिए और संशोधन पेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए. लेकिन राज्यसभा की तरह मार्शल के इस्तेमाल जैसी स्थिति दोबारा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए.’ उच्च सदन इस विधेयक को पहले ही मंजरी दे चुका है.
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा, ‘इस विषय पर आगे बातचीत जारी रहेगी.’ विधेयक के वर्तमान मसौदे का प्रखर विरोध करने वाले जद यू ने इस मुद्दे पर अपने पूर्व के रुख पर कायम रहने की बात कही. बैठक में पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद रामसुंदर दास ने कहा, ‘हम पहले दिन से ही विधेयक में अन्य पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए ‘कोटा के भीतर कोटा’ का प्रावधान किये जाने की मांग कर रहे हैं. हम अपनी मांग पर कायम है.’
बैठक में सत्ता पक्ष की ओर से वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, संसदीय कार्यमंत्री पी के बंसल, गृह मंत्री पी चिदंबरम, रक्षा मंत्री ए के एंटनी, विधि मंत्री वीरप्पा मोइली शामिल हुए. शिवसेना ने कहा कि सीटें आरक्षित करने की बजाय राजनीतिक दलों को महिलाओं के लिए अपने चुनाव टिकट आरक्षित करने चाहिए, वहीं राजद ने अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए ‘कोटा के भीतर कोटा’ पर जोर दिया.
मीरा कुमार की ओर से महिला आरक्षण विधेयक पर आमसहमति बनाने के लिए बुलाई गई बैठक में भाजपा, वामदल, अन्नाद्रमुक, द्रमुक, अकाली दल, तृणमूल कांग्रेस आदि शामिल हुए.
बैठक में विधेयक के प्रारूप के विरोधियों में शामिल सपा और बसपा शामिल नहीं हुए. इस विषय पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं सपा और बसपा को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अलग से आमंत्रित करूंगी. इस मुद्दे पर आमसहमति बनाने तक प्रयास जारी रहेंगे.’
कुमार ने कहा कि विधेयक पर सहमति नहीं बन पाने के मद्देनजर संसद के मानसून सत्र से पहले वह सभी राजनीतिक दलों की एक और बैठक बुलायेंगी. ऐसी संभावना है कि वह विधेयक के प्रारूप पर असहमत होने वाले राजनीति दलों से अलग से बातचीत करेंगी. लोकसभा अध्यक्ष की ओर से यह बैठक महिला आरक्षण विधेयक पर आमसहमति बनाने के प्रयासों के तहत बुलाई गई थी ताकि इसे एक अगस्त से शुरू होने वाने मानसून सत्र में पेश किया जा सके.