scorecardresearch
 

बलवंत सिंह की फांसी पर सवालिया निशान

पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना को 31 मार्च को फांसी दी जानी है लेकिन ऐसा हो पाना तय नहीं है, क्योंकि पटियाला जेल के अधीक्षक फांसी देने के वारंट पर स्थगन चाहते हैं और मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी कहा है कि राजोआना को राहत मिल जाने की संभावना है.

Advertisement
X
बलवंत सिंह राजोआना
बलवंत सिंह राजोआना

पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना को 31 मार्च को फांसी दी जानी है लेकिन ऐसा हो पाना तय नहीं है, क्योंकि पटियाला जेल के अधीक्षक फांसी देने के वारंट पर स्थगन चाहते हैं और मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी कहा है कि राजोआना को राहत मिल जाने की संभावना है.

Advertisement

बादल ने पंजाब विधानसभा में सोमवार को कहा कि बब्बर खालसा इंटनेशनल (बीकेआई) के उग्रवादी राजोआना को मौजूदा हालात में फांसी नहीं भी दी जा सकती है, क्योंकि उसे बेअंत हत्याकांड में राहत मिल जाने की पूरी संभावना है.

बादल ने कहा, 'राजोआना के मौत वारंट पर अमल होने से पहले यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में है, इसलिए आवश्यक है कि फैसले का इंतजार किया जाए.'

मुख्यमंत्री ने यह बयान तब दिया जब पटियाला के जेल अधीक्षक एल. एस. जाखड़ ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत में पेश होकर कहा कि राजोआना को 31 मार्च को फांसी देने के वारंट पर अमल नहीं होना चाहिए, क्योंकि इस मामले में दो अन्य अभियुक्तों का मामला अभी सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है. इसलिए वह राजोआना के मौत वारंट पर स्थगन चाहते हैं.

Advertisement

उधर, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने राजोआना पर रहम करने के लिए राष्ट्रपति से गुहार लगाई है.

सिखों की सर्वोच्च संस्था एसजीपीसी ने सोमवार को राज्यपाल शिवराज पाटील के जरिये राष्ट्रपति के पास राजोआना की दया याचिका भिजवाई.

राजोआना के लिए दया के अनुरोध को लेकर एसजीपीसी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ और अकाली दल के अन्य वरिष्ठ नेता भी इसी सप्ताह राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से मुलाकात करने वाले हैं.

पंजाब में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल ने रविवार को कहा था कि वह राजोआना की जान बचाने का हरसंभव प्रयास करेगी. बेअंत सिंह के परिजनों का भी कहना है कि वे राजोआना को माफ कर चुके हैं और उसकी सजा फांसी से उम्रकैद में बदल दी जानी चाहिए.

इस बीच, पटियाला जेल के अधीक्षक जाखड़ ने सीबीआई की अदालत में राजोआना को फांसी देने के वारंट पर स्थगन की अपील की है. उनका कहना है कि बेअंत की हत्या के मामले में कानूनी कार्यवाही अभी जारी है, इसलिए उसे फांसी देने के वारंट पर रोक लगनी चाहिए.

सीबीआई के वकील ने हालांकि यह कहते हुए इसका विरोध किया कि पंजाब जेल प्रशासन तथ्यों से छेड़छाड़ कर मामले को लेकर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहा है. यह कानून का उल्लंघन है.

Advertisement

अदालत अब इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई करेगी. राजोआना अभी पटियाला जेल में बंद है. इसी मामले में दो अन्य उग्रवादियों जगतार सिंह हवारा और लखविंदर सिंह को भी दोषी करार दिया गया है. इन दोनों याचिकाएं सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन हैं.

चण्डीगढ़ की एक अदालत ने इस माह की शुरुआत में जेल प्रशासन को निर्देश दिया था कि राजोआना को 31 मार्च तक फांसी दे दी जाए.

Advertisement
Advertisement