राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा कि भ्रष्टाचार विकास के लिये आवंटित किये गये धन को लील रहा है.
हितवाद अखबार के 100 साल पूरा होने पर आयोजित उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि भारत तेज गति से विकास कर रहा है और क्रय क्षमता के मुताबिक यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
राष्ट्रपति ने कहा, ‘हालांकि, यह भी सच है कि यहां सामाजिक एवं आर्थिक असमानता भी है. समान विकास और राष्ट्र को मजबूत बनाने के लिये हमें इस तरह की असामनता को दूर करने की जरूरत है.’ उन्होंने कहा, ‘हमारी पहली प्राथमिकता सभी के लिये विकास सुनिश्चित करने की होनी चाहिए. इसी वजह से हमारी अर्थव्यवस्था का मॉडल समावेशी विकास पर तैयार किया गया है.’
प्रतिभा ने कहा, ‘भ्रष्टाचार विकास के लिये आवंटित किये गये धन को लील रहा है. जीवन के सभी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार का होना विकास के लिये सबसे बड़ी बाधा है. भारत से भ्रष्टाचार का पूरी तरह से सफाया करने की जरूरत है.’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें विकास के बारे में गंभीरता से सोचना होगा.’
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा, ‘देश में 54 करोड़ युवा हैं जो हमारे भविष्य हैं. उन्हें शिक्षा मुहैया करना बहुत जरूरी है क्योंकि उच्च स्तर पर छात्रों की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है.’ उन्होंने कहा कि इसी तरह से हमें प्रौद्योगिकी और व्यवसायिक शिक्षा के लिये काम करने की जरूरत है.{mospagebreak}
प्रतिभा ने कहा, ‘यह लक्ष्य सही मायने में तब पूरा होगा, जब कोई भूखे पेट या फुटपाथ पर नहीं सोएगा तथा प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार मिल जाएगा.’ उन्होंने कहा कि इसलिय सरकार शिक्षा, दक्षता विकास, आवास, स्वास्थ्य और पोषक आहार को अपने कार्यक्रमों में वरीयता दे रही है.
उन्होंने मीडिया की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि लोकतंत्र और इसकी विभिन्न संस्थाओं को कायम रखने के लिये संवेदनशील एवं जिम्मेदार मीडिया बहुत जरूरी है. यह सामाजिक एकता और जागरूकता में एक अहम भूमिका निभाती है.
राष्ट्रपति ने कहा कि आम लोगों की दुर्दशा के मुद्दे को मीडिया द्वारा उठाये जाने के ढेरों उदाहरण हैं.
हितवाद विदर्भ क्षेत्र का सबसे पुराना अंग्रेजी अखबार है और इसकी शुरूआत 1911 में गोपाल कृष्ण गोखले ने की थी.