सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा व उनके भाई गोविंद कांडा को अप्रैल 2010 में इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलोद) के एक कार्यकर्ता को कथित तौर पर पीटने के मामले में नोटिस भेजा है.
न्यायमूर्ति पी. सथासिवम की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इनेलोद कार्यकर्ता प्रदीप गोदरा की याचिका पर यह नोटिस जारी किया. गोदरा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि कांडा हरियाणा के गृह राज्य मंत्री थे इसलिए पुलिस ने उनके व उनके भाई के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया.
गोदरा के वकील जी.के. शर्मा ने कहा कि कांडा भाइयों द्वारा किया गया हमला हत्या का प्रयास था और इससे उनके मुवक्किल को गम्भीर चोटें आई थीं.
याचिकाकर्ता इससे पहले कांडा भाइयों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए जाने की मांग को लेकर पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुके हैं.
वैसे उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को इसके लिए दंडाधिकारी (मजिस्ट्रेट) की अदालत में जाने का निर्देश दिया था.
सर्वोच्च न्यायालय का यह नोटिस उस समय आया है, जब दिल्ली पुलिस गोपाल गोयल कांडा की पूर्व कर्मचारी गीतिका शर्मा की आत्महत्या के मामले में उनके आवासों व दफ्तरों पर छापेमारी कर रही है. गीतिका ने पांच अगस्त को दिल्ली में आत्महत्या कर ली थी. उन्होंने आत्महत्या से पहले लिखे संदेश में कांडा व उनके सहयोगी अरुण चड्ढा का नाम लिया है.
चड्ढा को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि कांडा फरार हैं.