मुंबई की अदालत ने अपनी तैयारी ठीक से नहीं करने और घोड़ा फार्म के मालिक हसन अली खान के खिलाफ उपयुक्त मामला तैयार नहीं करने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की खिंचाई की.
प्रमुख सत्र न्यायाधीश एम एल टाहिलियानी ने सुनवाई खारिज करते हुए और प्रवर्तन निदेशालय को फटकार लगाते हुए कहा, ‘आप कोई मामला तैयार कर पाने में असमर्थ रहे हैं और आप चाहते हैं कि मैं आपकी बात सुनूं. अगर आप तैयारी के लिए कुछ समय चाहते हैं तो आप समय ले सकते हैं.’
रीयल एस्टेट एजेंट और रेस में दौड़ने वाले घोड़ों के मालिक खान (53) को सोमवार को आधी रात को धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत पुणे और मुंबई में उसके परिसरों पर छापों के बाद गिरफ्तार किया गया था. खान पर स्विस बैंक खातों में आठ अरब डालर की राशि रखने और अंतरराष्ट्रीय हथियार सौदागर अदनान खाशोगी के साथ संपर्क रखने का आरोप है. {mospagebreak}
खान पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक कर अपवंचन का भी आरोप है. खान ने धन के गोलमाल से इंकार करते हुए कहा कि यह खबरें गलत हैं कि स्विस बैंकों में उसका धन जमा है.
उच्चतम न्यायालय ने हथियार के सौदागरों और आतंकी गतिविधियों से जुड़े लोगों के साथ कथित संपर्क पर गौर करते हुए केन्द्र से इस बात पर विचार करने के लिए कहा था कि क्या उसे आतंकवाद निरोधक अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है.
पीठ ने खाशोगी और आतंक से संबंधित गतिविधियों से खान के कथित संबंधों के चलते गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक अधिनियम और भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता के अन्य कड़े प्रावधानों को लागू करने का सुझाव दिया था.
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा रिमांड आवेदन पेश करने के बावजूद मुंबई की अदालत ने इस पर सुनवाई नहीं की और कार्यवाही शुरू करने से पहले अधिकार क्षेत्र का मुद्दा उठाया. न्यायाधीश टाहिलियानी ने अधिकार क्षेत्र का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि इस मामले को पहले न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाना चाहिए था.