इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जाने-माने इस्लामी शोधार्थी जाकिर नाइक द्वारा दायर की गई एक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
नाइक ने यह याचिका झांसी की एक अदालत द्वारा अपने खिलाफ जारी एक गैर जमानती वारंट के विरोध में दायर की थी. 12 मई 2011 को झांसी के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने नाइक के खिलाफ यह वारंट तब जारी किया था जब वह सम्मन जारी होने के बावजूद अदालत में उपस्थित नहीं हुए थे.
नाइक ने अपनी याचिका में झांसी की अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए कहा है कि अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के तहत उनको सम्मन जारी किया था. यह भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने का मामला है और ऐसा आदेश देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की सहमति जरूरी है लेकिन अदालत ने इन दोनों की अनुमति के बिना आदेश जारी किया.