अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने अपनी डोपिंग रोधी संहिता तैयार की है जो एक अगस्त से लागू होगी. इसमें वाडा के ‘ठहरने के स्थान’ संबंधी नियम को बीसीसीआई की आपत्ति के बाद काफी विचार विमर्श करके संशोधित किया गया है.
आईसीसी ने एक बयान में कहा कि उसने प्रतियोगिता के इतर परीक्षण से संबंधित ‘ठहरने के स्थान’ संबंधी नियम को अंतिम रूप दे दिया है और सभी सदस्य क्रिकेट बोर्ड इस पर सहमत हो गये हैं. इस नियम में खिलाड़ियों के ठहरने के स्थान संबंधी सूचनाओं पर द्विस्तीय प्रक्रिया अपनाई जाएगी और परीक्षण के लिए खिलाड़ियों को दो पूल में बांटा जाएगा जो अंतरराष्ट्रीय पंजीकृत परीक्षण पूल (आईआरटीपी) और राष्ट्रीय खिलाड़ी पूल (एनपीपी) होंगे.
जो खिलाड़ी पहले भी डोपिंग के मामले में फंसे हैं या जिनके प्रतिबंधित पदार्थ लेने की अधिक आशंका है, उन्हें आईआरटीपी के अंतर्गत रखा जाएगा. एनपीपी में शामिल खिलाड़ियों को अपनी निजी सूचनाओं की जगह ‘क्रिकेट से जुड़ी ठहरने के स्थान संबंधी सूचना’ देनी होगी. एनपीपी में 88 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों (आईसीसी रैंकिंग के मुताबिक शीर्ष आठ एकदिवसीय टीमों में प्रत्येक के 11 खिलाड़ी) को शामिल किया जाएगा.
अधिकांश खिलाड़ियों को एनपीपी में रखा जाएगा, जहां उनका परीक्षण उस समय होगा जब वे टीम के साथ होंगे यानी जब वे खेल रहे होंगे, दौरे पर होंगे, ट्रेनिंग शिविर में होंगे या टीम के साथ दौरे पर होंगे. इसकी जगह अगर कोई खिलाड़ी व्यक्तिगत तौर पर जाएगा तो टीम प्रबंधन को खिलाड़ी की जानकारी मुहैया करानी होगी. वाडा के ‘ठहरने के स्थान’ संबंधी नियम के मुताबिक 11 खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय परीक्षण पूल में नामित करना जरूरी है जिनकी तीन महीने की प्रत्येक घंटे की जानकारी का खुलासा आईसीसी के नामित अधिकारी को करना होगा जिससे कि प्रतियोगिता के इतर परीक्षण किया जा सके.
सचिन तेंदुलकर सहित भारत के चोटी के खिलाड़ियों ने अपनी निजी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी. भारतीय बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों का समर्थन किया था और इस नियम पर आपत्ति जताई थी. बीसीसीआई ने कहा था कि यह देश के संविधान के खिलाफ है. सदस्य क्रिकेट बोर्डों के साथ लंबी चर्चा के बाद आईसीसी ने इसी महीने सिंगापुर में अपनी आम सभा के दौरान डोपिंग रोधी नियम पेश किया था.
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हारून लोर्गट ने कहा, ‘‘आईसीसी का ठहरने के स्थान संबंधी नियम हमारे प्रतियोगिता के इतर परीक्षण कार्यक्रम को मजबूत करेगा क्योंकि हम क्रिकेट को डोपिंग मुक्त सुनिश्चित करने में जुटे हैं. लोर्गट ने कहा, ‘लंबी प्रक्रिया के बाद हमारे पास कड़े और व्यावहारिक नियम हैं जो हमारे महान खेल में हमारी पूर्ण असहिष्णुता की नीति का सहयोग करेंगे.’
वाडा के महानिदेशक डेविड होमैन ने कहा, ‘‘विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी नये ‘ठहरने के स्थान संबंधी’ नियम पर राजी होने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को बधाई देती है. क्रिकेट की संचालन संस्था की ओर से यह एक और संकेत है कि वह खेल की अखंडता बचाने के लिए गंभीर है.’ उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब हुआ कि आईसीसी का प्रतियोगिता के इतर परीक्षण कार्यक्रम और मजबूत होगा और यह क्रिकेट के लिए अच्छा कदम है.’आईसीसी ने वैश्विक खेल के तौर पर क्रिकेट की विश्वसनीयता बढ़ाने और ओलंपिक जैसे खेलों में हिस्सा लेने की अनिवार्य शर्त को पूरा करने के लिए नवंबर 2006 में वाडा की संहिता पर हस्ताक्षर किये थे.