पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने सेना प्रमुख के करीबी समझे जाने वाले देश के रक्षा सचिव लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) खालिद नईम लोधी को बर्खास्त कर दिया. इससे मेमोगेट प्रकरण को लेकर असैनिक सरकार और सेना के बीच विवाद और बढ़ गया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि सरकार ने ‘व्यापक कदाचार और अवैध कार्रवाई’ के लिए लोधी के अनुबंध को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है. वक्तव्य में कहा गया है कि लोधी के खिलाफ यह कार्रवाई राज्य संस्थाओं के बीच गलतफहमी पैदा करने को लेकर की गई है.
वक्तव्य में बताया गया कि कैबिनेट सचिव नर्गिस सेठी को रक्षा सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. सरकार ने हाल में लोधी को तब कारण बताओ नोटिस जारी किया था जब उन्होंने उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा दायर किया जिसमें दावा किया गया था कि असैनिक सरकार का सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई के संचालनात्मक मामलों पर कोई नियंत्रण नहीं है. उन्होंने हलफनामे में यह भी कहा था कि सरकार का सेना और आईएसआई पर सिर्फ सीमित प्रशासनिक नियंत्रण है.
लोधी के हलफनामे ने प्रधानमंत्री को नाराज कर दिया था. उन्होंने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि सेना का सत्ता के अंदर एक और सत्ता के तौर पर काम करना स्वीकार्य नहीं है.
लोधी की बर्खास्तगी की घोषणा गिलानी द्वारा गत सोमवार को दिए गए एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी किए जाने पर सेना की ओर से तीखी प्रतिक्रिया दिए जाने के कुछ ही समय बाद की गई जिसमें कहा गया था कि सेना और आईएसआई ने मेमोगेट प्रकरण से निपटने में ‘असंवैधानिक और अवैध’ तरीके से काम किया. गिलानी ने दावा किया कि सेना और आईएसआई प्रमुखों ने मेमोगेट प्रकरण में शीर्ष अदालत में अपना जवाब सरकार से मंजूरी हासिल किए बिना सौंपा.