मुंबई बम धमाकों को लेकर एटीएस (महाराष्ट्र का आतंकवाद रोधी दस्ता) जांच कार्य में विस्फोटों के स्थलों खासकर ओपेरा हाउस के पास लगे सीसीटीवी की मदद ले रहा है. इस हमले में 18 लोगों की मौत हो गई थी और 131 लोग घायल हुए थे. घायलों में 26 की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.
एटीएस के एक अधिकारी ने बताया, ‘हम विस्फोट के तीन स्थलों से प्राप्त सीसीटीवी के फुटेज का अध्ययन कर रहे हैं. हमने कुछ लोगों की संदिग्ध गतिविधियां देखी हैं.’
उसने कहा, ‘लेकिन जब तक उनसे पूछताछ नहीं हो जाती और उनके बयान दर्ज नहीं किये जाते तब तक उनकी संलिप्तता के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता.’
मुंबई के ओपेरा हाउस को आतंकवादियों ने निशाना बनाया और यहां कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा था. अब आतंकी हमले के पीड़ित परिजनों ने सवाल खड़ा किया है कि इतने महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील स्थान पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए थे.
हीरा व्यापारी मनीष मेहता को बाएं हाथ में चोट लगी है. विस्फोट के समय वह ओपेरा हाउस के निकट अपने दोस्तों का इंतजार कर रहे थे. उनके रिश्तेदार अश्विन ने कहा, ‘हीरा व्यापार के कार्यालयों के निकट एक पुलिस चौकी थी, लेकिन कुछ वक्त पहले उसे हटा दिया गया. हम लोग लंबे समय से इलाके में सुरक्षा की मांग कर रहे थे, लेकिन कुछ नहीं हुआ.’
हमले में घायल हुए श्रीपाल मुझपुरा के परिजनों ने भी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा किया. उनका कहना है कि इतने अहम जगह सुरक्षा की कोई व्यवस्था क्यों नहीं की गई थी.
हीरा व्यापारियों ने ओपेरा हाउस ब्लास्ट के विरोध में हीरा मार्केट बंद भी बुलाया है.