ग्रेटर नोएडा में पुलिस और किसानों के बीच खूनी भिड़त के बाद जबरदस्त तनाव है. बंधक कर्मचारियों को छुड़ाने के दौरान हुई हिंसक झड़प में पीएसी के दो जवान और दो किसानों की मौत हो चुकी है. फायरिंग में डीएम और एसएसपी भी घायल हो गए.
ग्रेटर नोएडा में बीते दिन पुलिस और किसानों के बीच भिड़ंत में गौतमबुद्धनगर के डीएम दीपक अग्रवाल के पैर में गोली लगी और वो किसी तरह वहां से भागे. एसएसपी सूर्यनाथ सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट संजय चौहान और सीओ राहुल कुमार भी घायल हो गए.
डीएम के पैर मे गोली लगी है. पैर का ऑपरेशन कर दिया गया है. पैर की हालत के बारे मे 24 घंटे बाद ही पता चल सकेगा, क्योंकि कोई नस कट गयी होगी, तो पैर में प्राबलम हो सकती है. एसएसपी के सीने में काफी चोटें हैं. अन्दर पेट मे ब्लड का रिसाव हो रहा है. सिटी स्कैन किया जा चुका है. 24 घंटे में खून का रिसाव बंद हो जाना चाहिए. डॉक्टरों के मुताबिक, अगर ऐसा न हुआ, तो सर्जरी की जाएगी.
शिकायत जमीन अधिग्रहण और मुआवजे को लेकर थी और किसानों ने शुक्रवार से तीन सरकारी कर्मचारियों को बंधक बना रखा था. शनिवार को गौतमबुद्ध नगर का जिला प्रशासन करीब 2000 पीएसी जवानों के साथ ग्रेटर नोएडा पहुंचा. प्रशासन के इस रुख पर किसानों का गुस्सा भड़क गया और दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गयी.
सवाल यह है कि आखिर किसानों का गुस्सा इतना हिंसक क्यों हो गया. किसानों की मांग है कि जमीन अधिग्रहण की नीतियों में बदलाव हो. जमीन अधिग्रहण से पहले किसानों की सहमति ली जाए और किसानों की पचास फीसदी से ज्यादा जमीन न ली जाए. साथ ही जमीन के बाजार-मूल्य का 80 फीसदी हिस्सा मुआवजे के तौर पर दिया जाए.
किसान इन मांगो को लेकर चार महीने से धरने पर थे. इसी गुस्से में उन्होंने सर्वे करने आए 3 रोडवेज कर्मचारियों को बंधक बना लिया था.
शनिवार को तीन घंटे तक चले घमासान के बीच बंधक कर्मचारी तो रिहा हो गए, लेकिन पूरे इलाके में जबरदस्त तनाव है. इस समय प्रशासन के लिए सबसे पहली चुनौती संवेदनशील हालात पर काबू पाने की है.