रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच करोड़ो की लेनदेन का मामला गरमाया हुआ है. भ्रष्टाचार के खिलाफ इस जंग को अरविंद केजरीवाल और आगे ले जाने को तैयार हैं. अरविंद केजरीवाल के आरोपों को रिय़ल एस्टेट कंपनी डीएलएफ ने नकारा तो केजरीवाल ने इस पर पलटवार किया है.
केजरीवाल ने ट्वीट किया है कि डीएलएफ ने आरोपों पर अपना जवाब दिया है. उनका जवाब आधी सच्चाई और झूठ से भरा है और इसमें बहुत सी जानकारी को छुपाया गया है.
उन्होंने लिखा है कि डीएलएफ की सफाई पर कल हमलोग विस्तार से जवाब देंगे. लेकिन क्या रॉबर्ट वाड्रा डीएलएफ की सफाई से सहमत हैं या फिर उनके पास अपना जवाब है. अगर वो इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं तो खुशी होगी.
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल के गंभीर आरोपों पर डीएलएफ ने सवाल दर सवाल जवाब दिया. डीएलएफ के तमाम जवाबों का लबोलुवाब यही था कि केजरीवाल ने सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा को निशाना बनाने के लिए झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए.
आरोप नंबर 1
डीएलएफ ने वाड्रा की कंपनी को असुरक्षित ब्याज मुक्त लोन क्यों दिया?
केजरीवाल के इस संगीन आरोप पर डीएलफ ने जवाब दिया है कि डीएलएफ ने वाड्रा या उनकी किसी कंपनी को कोई असुरक्षित लोन नहीं दिया है. स्काइलाइट होस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने 3.5 एकड़ जमीन बेचने के लिए संपर्क किया था, इसके लिए बतौर एडवांस 65 करोड़ रुपए की रकम दी गई.
आरोप नंबर 2
डीएलएफ ने रॉबर्ट वाड्रा को करोड़ों की संपत्ति कौड़ियों के भाव क्यों दी?
इस गंभीर आरोप पर डीएलएफ का जवाब है कि डीएलएफ को जमीन बेचने वाली कंपनी, डीएलएफ में दोबारा पैसा लगाना चाहती है, इसमें कोई नई बात नहीं है. वाड्रा या उनकी किसी कंपनी को कौड़ियों के भाव कोई संपत्ति नहीं दी गई. ये आरोप लगाना कि सिर्फ 5.2 करोड़ में मंगोलियाज में 7 अपार्टमेंट दिए गए, सरासर गलत है. स्काइलाइट ग्रुप को कोई प्रोपर्टी बाजार भाव से कम में नहीं दी गई.
आरोप नंबर 3
डीएलएफ को हरियाणा की कांग्रेस सरकार से 350 एकड़ जमीन दी गई, कही इसीके बदले वाड्रा पर प्लैट की मेहरबानी तो नहीं?
डीएलएफ ने इस आरोप पर कहा है कि वाड्रा और उनकी किसी कंपनी से कोई लेन-देन किसी एहसान के बदले नहीं हुआ है. हरियाणा में डीएलएफ 40 साल से रीयल स्टेट का विकास कर रहा है और सभी प्रोजेक्ट्स के लिए मालिकों को उचित दाम देकर जमीन खरीदी गई हैं.
आरोप नंबर 4
क्या वाड्रा की संपत्ति में कांग्रेस का काला धन लगाया गया है?
इस आरोप पर डीएलएफ ने कहा है कि वाड्रा और उनकी कंपनियों के साथ डीएलएफ के सभी लेन देन पूरी पारदर्शिता और कानूनी दायरे में हैं. कालेधन के इस्तेमाल के आरोपों को डीएलएफ पूरी तरह खारिज करता है.
कुल मिलाकर डीएलएफ ने केजरीवाल के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है लेकिन सवाल ये है कि क्या इस सफाई के बाद विवादों पर पर्दा पड़ जाएगा. बेशक डीएलएफ ऐसी उम्मीद करे लेकिन मौजूदा सियासी हालात में ऐसा मुमकिन नहीं दिखता.