सत्तारूढ़ गठबंधन से किनारा कर लेने के जाहिरा कदम के तहत द्रमुक ने तमिलनाड़ु विधानसभा चुनाव के लिये सीटों पर तालमेल की कांग्रेस के साथ हुई बातचीत विफल होने के बाद केंद्र सरकार से अलग होने का आज फैसला किया.

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डीएमके का यूपीए से नाता तोड़ने का फैसला

सत्तारूढ़ गठबंधन से किनारा कर लेने के जाहिरा कदम के तहत द्रमुक ने तमिलनाड़ु विधानसभा चुनाव के लिये सीटों पर तालमेल की कांग्रेस के साथ हुई बातचीत विफल होने के बाद केंद्र सरकार से अलग होने का आज फैसला किया.

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करुणानिधी
करुणानिधी

सत्तारूढ़ गठबंधन से किनारा कर लेने के जाहिरा कदम के तहत द्रमुक ने तमिलनाड़ु विधानसभा चुनाव के लिये सीटों पर तालमेल की कांग्रेस के साथ हुई बातचीत विफल होने के बाद केंद्र सरकार से अलग होने का आज फैसला किया.

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द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह उनकी पार्टी को संप्रग से बाहर करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने शुक्रवार रात कांग्रेस पर अतार्किक मांगें रखने का आरोप लगाया था.

करुणानिधि की अध्यक्षता में हुई द्रमुक की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में सरकार से अलग होने और उसे मुद्दा-आधारित समर्थन देने संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया.

साठ सीटों पर रजामंद होने के बाद अपनी पसंद की 63 सीटों पर चुनाव लड़ने की कांग्रेस की मांग के प्रत्यक्ष संदर्भ में करुणानिधि ने कहा कि कांग्रेस का रुख सौहार्द्रपूर्ण तरीके से चुनावी तालमेल करने में मददगार नहीं रहा.

उन्होंने कहा कि हम यह संदेह करने को विवश हो गये हैं कि ये संप्रग से हमें बाहर करने की कांग्रेस की कोशिशें हैं. इन परिस्थितियों में हमें यह सोचना होगा कि हम सरकार में बने रहें या नहीं.

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करुणानिधि ने बैठक में कहा कि लिहाजा, हमने सरकार से खुद को मुक्त कर लेने का फैसला किया है. उन्होंने यह साफ कर दिया कि केंद्रीय कैबिनेट से अपने छह मंत्रियों को वापस लेने के साथ ही उनकी पार्टी मनमोहन सिंह सरकार को संकट के समय में मुद्दा आधारित समर्थन देगी.

अपने 18 सांसदों के साथ द्रमुक संप्रग में कांग्रेस की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी है. द्रमुक से ज्यादा तृणमूल कांग्रेस के 19 सांसद हैं.

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