लोकपाल विधेयक पर संप्रग नेताओं की बैठक हुई जिसमें द्रमुक ने प्रधानमंत्री के पद को लोकपाल के दायरे में लाने का पक्ष लिया. द्रमुक की ओर से पार्टी संसदीय दल के नेता टीआर बालू ने अपनी बात रखी. द्रमुक सुप्रीमो एम करूणानिधि हालांकि राजधानी में मौजूद थे लेकिन वह स्वयं बैठक में शामिल नहीं हुए.
हालांकि सूत्रों ने कहा कि द्रमुक की मांग में कुछ भी नया नहीं है क्योंकि वह हमेशा से ही इस रुख पर रहा है. लेकिन राजनीतिक पंडित ताजा हालात में और 2जी स्पेक्ट्रम मामले में पार्टी नेताओं के संकट में होने के मद्देनजर इस मांग को महत्वपूर्ण मानते हैं.
द्रमुक नेता कनिमोई, ए. राजा 2जी मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं. संप्रग सरकार प्रधानमंत्री के पद को लोकपाल के दायरे में लाने के खिलाफ है और एक तरह से उसके सभी सहयोगी दलों का इस मुद्दे पर सरकार को समर्थन है.
सरकार का कहना है कि प्रधानमंत्री को इसके दायरे में लाने से शासन को नुकसान होगा और सुरक्षा खतरा भी हो सकता है. सरकार ने जो मसौदा वितरित किया है उसमें प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे से छूट दी गयी है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं सत्ताधारी गठबंधन के विभिन्न घटकों के नेता आज की बैठक में शामिल हुए. संसद के मानसून सत्र का कार्यक्रम भी घोषित किया गया. बैठक के दौरान वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने लोकपाल विधेयक पर अन्ना हजारे के दल के साथ हुई चर्चा के बारे में नेताओं को बताया. हजारे ने सरकार पर मजबूत लोकपाल विधेयक नहीं तैयार करने की मंशा का आरोप लगाते हुए 16 अगस्त से अनशन पर जाने की धमकी दी है.
कांग्रेस प्रवक्ता जयंती नटराजन ने संवाददाताओं से बातचीत में हालांकि उन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया कि उच्चतम न्यायालय में कनिमोझी की जमानत याचिका खारिज होने से द्रमुक के साथ कांग्रेस के संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
केंद्रीय मंत्री फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री पहले ही सर्वदलीय बैठक बुलाने का निर्णय कर चुके हैं. उन्होंने संकेत दिया कि यह बैठक जल्द होगी.
बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, आईयूएमएल के ई अहमद के अलावा कांग्रेस नेता ए के एंटनी और अहमद पटेल जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए.