दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एनडी तिवारी को एक युवक के दावे की सच्चाई का पता लगाने के लिए डीएनए परीक्षण कराने का आदेश दिया है. युवक ने दावा किया था कि वह तिवारी का जैविक पुत्र है.
हाईकोर्ट ने कहा कि वह किसी बच्चे के अपने जैविक पिता के बारे में जानने के अधिकार की अवहेलना नहीं कर सकता.
अदालत ने रोहित शेखर की याचिका पर यह फैसला सुनाया है. इससे पहले रोहित ने यह दावा किया था कि एनडी तिवारी उनके पिता हैं. गौरतलब है कि एनडी तिवारी अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद करार देते रहे हैं.