कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है जिसमें एक युवक के उनके जैविक पुत्र होने का दावा करने वाली उसकी याचिका पर उनसे (तिवारी से) डीएनए परीक्षण कराने को कहा गया था.
डीएनए परीक्षण संबंधी आदेश को चुनौती देते हुए 85 वर्षीय तिवारी ने सोमवार को न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और दलील दी कि उच्च न्यायालय ने कानून को सही तरीके से लागू करने में गलती की.
रोहित शेखर नामक युवक की पितृत्व याचिका पर उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 23 दिसंबर को तिवारी से डीएनए परीक्षण कराने को कहा था. रोहित का दावा है कि वह तिवारी का जैविक पुत्र है तथा उसका जन्म तिवारी और उसकी मां के कथित संबंधों से हुआ.
तिवारी ने राहत के लिए उच्च न्यायालय की खंड पीठ में अपील की थी. लेकिन उसने तिवारी को कोई राहत देने से इंकार कर दिया.