तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्ति की घोषणा की है. दलाई लामा ने कहा कि वह तिब्बत की निर्वासित संसद से औपचारिक रूप से आग्रह करेंगे कि वह उनके निर्णय को परिलक्षित करने के लिए आवश्यक संशोधन करे.
चौदहवें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो आध्यात्मिक गुरू हैं. उनका जन्म 6 जुलाई, 1935 को तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में रहने वाले येओमान परिवार में हुआ था. दो वर्ष की अवस्था में बालक ल्हामो धोण्डुप की पहचान 13 वें दलाई लामा थुबटेन ग्यात्सो के अवतार के रूप में की गई.
दलाई लामा एक मंगोलियाई पदवी है जिसका मतलब होता है ज्ञान का महासागर और दलाई लामा के वंशज करूणा, अवलोकेतेश्वर के बुद्ध के गुणों के साक्षात रूप माने जाते हैं.
1949 में तिब्बत पर चीन के हमले के बाद दलाई लामा से कहा गया कि वह पूर्ण राजनीतिक सत्ता अपने हाथ में ले लें. 1954 में वह माओ जेडांग, डेंग जियोपिंग जैसे कई चीनी नेताओं से बातचीत करने के लिए बीजिंग भी गए. लेकिन आखिरकार 1959 में चीनी सेनाओं द्वारा तिब्बती राष्ट्रीय आंदोलन को बेरहमी से कुचले जाने के बाद वह निर्वासन में जाने को मजबूर हो गए. इसके बाद से ही वह उत्तर भारत के शहर धर्मशाला में रह रहे हैं जो केंद्रीय तिब्बती प्रशासन का मुख्यालय है.