उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी की हवस का कथित शिकार बनी दलित लड़की की आवाज बुलंद करने और द्विवेदी के खिलाफ कार्रवाई की नींव रखने में कहीं न कहीं ‘गुलाबी गैंग’ ने भी अहम भूमिका निभाई.
हाथ में लाठी लिये गुलाबी साड़ी पहनने वाली करीब एक लाख 40 हजार महिलाओं के समूह ‘गुलाबी गैंग’ की 48 वर्षीय मुखिया सम्पत पाल ने बलात्कार की शिकार लड़की को चोरी के इल्जाम में फंसाए जाने की खबर मिलने पर उसे इंसाफ दिलाने के लिये मोर्चा खोला था.
बुंदेलखण्ड में करीब एक दशक से अन्याय और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष कर रहे गुलाबी गैंग की प्रमुख सम्पत ने बताया, ‘लड़की को चोरी के मामले में फंसाए जाने की खबर मिलने पर हमने बांदा में सबसे पहले विरोध प्रदर्शन किया. बाद में विधायक द्वारा उस लड़की को अपनी हवस का शिकार बनाए जाने की खबर मिलने पर हमने उसे न्याय दिलाने के लिये संघर्ष छेड़ा.’ सम्पत के मुताबिक लड़की ने उन्हें बताया था कि द्विवेदी ने अपने कुकर्मों का सिलसिला जारी रखने के लिये उससे अपने एक नौकर से शादी करने को कहा था.{mospagebreak}
उन्होंने बताया कि जेलर ने लड़की के परिजन तथा उसके शुभचिंतकों को उससे मिलने की इजाजत नहीं दी. हालांकि विधायक के गुर्गो को जेल में लड़की को धमकाने के लिये आने जाने की खुली छूट थी.
सम्पत ने बताया कि इस संवेदनशील मुद्दे की तरफ मीडिया, राजनेताओं तथा स्थानीय निवासियों का ध्यान खींचने के लिये गुलाबी गैंग ने जोरदार अभियान चलाया. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों में न सिर्फ द्विवेदी के खिलाफ बल्कि एक निर्दोष की पुकार अनसुनी कर रही सरकार के विरुद्ध भी गुस्सा भर गया था और अगर आरोपी विधायक को गिरफ्तार नहीं किया जाता तो बड़ी समस्या खड़ी हो सकती थी.
सम्पत ने आरोप लगाया कि द्विवेदी के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम बंद करने के लिये उन्हें पांच लाख रुपए और क्षेत्र में अनेक विकास कार्य करवाने का लालच दिया गया था.
द्विवेदी के सहयोगियों के अब भी खुले आम घूमने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा ‘यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. शहजादपुर गांव में लड़की के परिजन खौफ के साये तले जी रहे हैं.