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दार्जिलिंग: 2 महिलाओं के साथ पुलिस की ज्‍यादती

हमारी पुलिस को क्या हो गया है? क्यों गुस्से में है हमारी पुलिस? क्यों क्रूरता पर उतर आती है पुलिस? ताजा मामला है दार्जीलिंग का जहां सुकना में गोरखाजनमुक्ति मोर्चा की दो महिलाओं को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा.

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हमारी पुलिस को क्या हो गया है? क्यों गुस्से में है हमारी पुलिस? क्यों क्रूरता पर उतर आती है पुलिस? ताजा मामला है दार्जीलिंग का जहां सुकना में गोरखाजनमुक्ति मोर्चा की दो महिलाओं को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा.

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दरअसल पुलिस सुकना पुलिस पोस्ट में आग लगाए जाने की घटना के बाद बौखलाई हुई है. अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर रविवार को गोरखालैंड जनमुक्ति मोर्चा के समर्थकों ने सुकना पोस्ट को आग के हवाले कर दिया था. इसी आग का गुस्सा पुलिस ने दो महिलाओं पर उतारा. दोनों महिलाओं के पास ना तो कोई हथियार था और ना ही वो ऐसा कुछ भी करती दिख थी जिससे पुलिस को खतरा हो और पुलिस को लाठियां फटकारने की जरूरत पड़े. लेकिन फिर भी पुलिस ने दोनों को अंधाधुंध पीटा.

गौरतलब है कि जिस वक्‍त पुलिस ने महिलाओं पर लाठियां बरसाई उस समय वहां कोई महिला पुलिस नहीं थी. यकीनन पुलिस की ये कार्रवाई चिंता पैदा करती है. इस पर अगर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो इससे बड़ी समस्या पैदा हो सकती है.

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पुलिस की दरिंदगी का एक और चेहरा सामने आया गुजरात के सूरत में. सूरत की एक लड़की ने पुलिस पर लगाया संगीन इल्जाम. लड़की का आरोप है कि पुलिस वालों ने उसे थाने में बुलाकर पीटा जब वो रात के वक्त अपने दोस्त के साथ घूम रही थी. पुलिस की इस करतूत का खुलासा तब हुआ जब लड़की ने घर पहुंचते ही जहर पी लिया. लड़की का कहना है कि वो अपने दोस्त के साथ जूस पीने गई थी.

पुलिस वालों ने लड़के से गाड़ी का कागज दिखाने को कहा और लड़की को थाने ले गए. लड़की के मुताबिक पुलिस ने उसकी पिटाई की और तीन बजे सुबह उसे छोड़ा. लेकिन पुलिस का कहना है कि पुलिस के साथ अभद्र भाषा का उपयोग किया तो पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. फिर पुलिस ने आगे की कारवाई की तो तीन महिलायें थी उसमे से जो मुस्कान नाम की महिला थी उनको थोडा बुरा लगा तो घर जाकर कुछ दवाई खा ली. बाद में उनको सारवार के लिए सिविल अस्पताल में भेजा गया.

इस मामले में वैसे तो पिटाई करने वाले हवलदार को निलंबित कर दिया गया है लेकिन सूरत पुलिस की इस बर्बरता से लोग हैरत में हैं. सवाल ये है कि क्या हिफाजत के लिए तैनात पुलिस किसी को खुदकुशी के लिए मजबूर कर सकती है. वैसे भी रात के वक्त इस तरह किसी लड़की को थाने में ले जाना और उसकी पिटाई करना कानून के किसी भी दायरे में नहीं आता.

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पुलिस की बर्बरता का एक मामला हाल ही में अमेठी में सामने आया था. अमेठी की एक कोतवाली के एसएचओ को न मर्यादा का लिहाज रहा और न ही कानून का और उन्‍होंने एक महिला की सरेआम पिटाई कर दी. ये बात और है कि मीडिया में खबर आने के बाद एसएचओ को बर्खास्त कर दिया गया.

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