दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित द्वारा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राज्य इकाई के अध्यक्ष विजेंदर गुप्ता के खिलाफ दायर किए मानहानि के मामले में अगली सुनवाई के लिए 9 नवंबर को अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया है.
तस्वीरों में जानिए कौन हैं शीला दीक्षित
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नवनीत बुद्धिराजा ने मुख्यमंत्री को निर्देश दिया कि वह बिना कोई बहाना बनाए 9 नवंबर को अदालत में जरूर उपस्थित हों. अदालत ने कहा, 'गुप्ता के खिलाफ अपना बयान दर्ज कराने के बाद से शिकायतकर्ता एक बार भी उपस्थित नहीं हुईं. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है. यदि वह उपस्थित नहीं होतीं तो शिकायत खारिज कर दी जाएगी.'
अदालत ने कहा कि मुख्यमंत्री भी किसी अन्य शिकायतकर्ता की ही तरह हैं. अदालत का यह आदेश तब आया है जब गुप्ता के वकीलों ने उद्घाटन समारोह के नाम पर दीक्षित के उपस्थित न होने का मामला उठाया. सुनवाई के अंतिम दिन गुप्ता ने एक आवेदन कर आदेश में सुधार की बात कही थी. इसके बाद नोटिस जारी कर कहा गया कि अदालत में दोनों पक्षों का मौजूद होना जरूरी है.
अदालत ने कहा कि दीक्षित केवल एक बार मामले में उपस्थित हुई हैं जबकि अदालत तब से सुनवाई की सात तारीखें दे चुकी है. दीक्षित ने अपनी शिकायत में कहा था कि इस साल अप्रैल में स्थानीय निकायों के चुनाव के दौरान बीजेपी नेता ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए उनकी छवि खराब की और उनके खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया.
दीक्षित का आरोप है कि गुप्ता ने उन्हें 'विलेन' व 'वैम्प' कहा. उन्होंने कहा कि गुप्ता ने दिल्ली के लोगों को ठगा है. मुख्यमंत्री ने 30 मई को गुप्ता के खिलाफ अपना बयान दर्ज कराया और अदालत से उनके खिलाफ सम्मन जारी करने का अनुरोध किया.