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2 जीः टेलीकॉम कंपनियों के 5 आरोपी अधिकारियों की जमानत अर्जी खारिज

दिल्ली उच्चन्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में गिरफ्तार विभिन्न कंपनियों के पांच बड़े अधिकारियों की जमानत याचिका खारिज की. ये पांचों टेलीकॉम कंपनियों के अधिकारी हैं.

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में युनिटेक के प्रबंध निदेशक संजय चन्द्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के प्रबंध निदेशक गौतम दोशी समेत विभिन्न कंपनियों के पांच बड़े अधिकारियों की जमानत की याचिका खारिज कर दी.

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इनमें डीबी रीयल्टी के प्रवर्तक विनोद गोयनका और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के अधिकारी हरि नायर एवं सुरेन्द्र पिपारा की अर्जी भी शामिल हैं. ये सभी आरोपी 20 अप्रैल से जेल में हैं. न्यायमूर्ति अजित भरिहोक ने कहा, ‘जमानत के सभी पांच आवेदन आधारहीन हैं.’

इन सभी आरोपियों ने सीबीआई की विशेष अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. विशेष अदालत ने इन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए 20 अप्रैल को इनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे. उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त सीबीआई अधिवक्ता यू.यू. ललित ने जमानत याचिकाओं पर यह कहते हुए आपत्ति जताई थी कि कारपोरेट निकाय एवं इनसे जुड़े व्यक्ति स्पेक्ट्रम सौदे के प्रत्यक्ष लाभार्थी थे और वे लाभ हासिल करने के लिए पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा के साथ षडयंत्र में शामिल थे.

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कंपनियों के इन पांच अधिकारियों के अलावा, सीबीआई ने राजा और द्रमुक सांसद कनिमोई एवं तीन कंपनियों सहित नौ लोगों को मामले में आरोपी बनाया है. अन्य आरोपियों में स्वान टेलीकाम के प्रवर्तक शाहिद उस्मान बलवा, पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के निजी सचिव आर.के. चंदोलिया, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स के निदेशक आसिफ बलवा एवं राजीव अग्रवाल शामिल हैं.

सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक करीम मोरानी और कलाइगनार टीवी के एमडी शरद कुमार भी मामले में आरोपी हैं. जिन तीन कंपनियों को मामले में आरोपी बनाया गया है उनमें रिलायंस कम्युनिकेशंस, स्वान टेलीकाम और युनिटेक वायरलेस शामिल हैं.

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