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गिलानी, अरुंधति के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए पुलिस ने समय मांगा

दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को एक अदालत से हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी, लेखिका अरुंधति राय और चार अन्य के खिलाफ राजद्रोह के अपराध के मामले में जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा.

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दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को एक अदालत से हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी, लेखिका अरुंधति राय और चार अन्य के खिलाफ राजद्रोह के अपराध के मामले में जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा.

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पुलिस ने मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट नविता कुमारी बाघा के समक्ष दाखिल स्थिति रिपोर्ट में कहा, ‘जांच प्रगति पर है और इसे पूरा करने के लिए और समय चाहिए.’ तिलक मार्ग थाने के एसएचओ के हवाले से स्टेटस रिपोर्ट जमा की गयी, जिन्होंने निजी तौर पर पेश होने में छूट मांगी थी.

एसएचओ की याचिका को मंजूर करते हुए अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 फरवरी की तारीख मुकर्रर की. इस बीच अदालत ने गिलानी, रॉय तथा अन्य लोगों के खिलाफ कथित तौर पर भारत विरोधी भाषण देने के इसी मामले में तीन अन्य शिकायतों को जोड़ दिया. इससे पहले अदालत ने गिलानी और रॉय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. {mospagebreak}

अदालत ने सुशील पंडित नामक शख्स द्वारा 28 अक्तूबर को दर्ज शिकायत पर स्थिति रिपोर्ट जमा नहीं करने पर पुलिस की खिंचाई की. पंडित ने रॉय और गिलानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी. अदालत ने दिल्ली पुलिस की उस स्थिति रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि गिलानी और अन्य के खिलाफ राजद्रेाह तथा अन्य कोई आरोप नहीं है.

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शिकायत में दोनों के अलावा पांच अन्य लोगों के खिलाफ भी मुकदमे की मांग की गयी है. इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और संसद पर हमले के मामले में बरी हो चुके एसएआर गिलानी और कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन का नाम शामिल है.

शिकायत के अनुसार आरोपियों ने पिछले साल अक्तूबर में यहां एक सम्मेलन में कहा था कि ‘आजादी ही एक रास्ता है.’ हुर्रियत नेता गिलानी के साथ मंच पर रॉय, माओवादी समर्थक नेता वारवरा राव आदि लोग थे. अदालत में एक नवंबर को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत दाखिल शिकायत में आरोप लगाया गया था कि ‘सरकार ने भारत विरोधी सेमिनार के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू नहीं की इसलिए उनके खिलाफ एक निजी शिकायत दाखिल की गयी है.’

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