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दिल्ली ब्‍लास्‍ट: ठोस सुराग नहीं, मृतकों की संख्या 13 पहुंची

दिल्ली उच्च न्यायालय के गेट नम्बर पांच के बाहर हुए बम विस्फोट मामले में सुराग पाने के लिए हाथ-पांव मार रहीं सुरक्षा एजेंसियों के हाथ घटना के दूसरे दिन गुरुवार को भी खाली रहे.

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दिल्ली उच्च न्यायालय के गेट नम्बर पांच के बाहर हुए बम विस्फोट मामले में सुराग पाने के लिए हाथ-पांव मार रहीं सुरक्षा एजेंसियों के हाथ घटना के दूसरे दिन गुरुवार को भी खाली रहे.

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जांच एजेंसी हालांकि कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही हैं. सुरक्षा और जांच अधिकारी कई पहलुओं से विस्फोट की जांच में जुटे हैं. फोरेंसिक विशेषज्ञों ने घटनास्थल का दोबारा बारीकी से जांच की. वहीं, विस्फोट में मरने वालों की संख्या गुरुवार को 13 पहुंच गई.

सर्वोच्च न्यायालय ने देश भर की अदालतों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिए. दिल्ली उच्च न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है. इस बीच, 'इंडियन मुजाहिदीन' ने एक ई-मेल संदेश भेजकर बम विस्फोट की जिम्मेदारी ली.

केंद्रीय गृह मंत्रालय में सचिव (आंतरिक सुरक्षा) यू.के. बंसल ने कहा, 'राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच टीमें दिल्ली पुलिस के सहयोग से विभिन्न सुरागों पर काम कर रही हैं.' उन्होंने बताया कि जांच में सहयोग के लिए हैदराबाद और गुजरात से बुलाए गए फोरेंसिक विशेषज्ञों ने गुरुवार को दोबारा घटनास्थल की जांच की.

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बंसल ने कहा, 'विशेषज्ञों को अपनी जांच में कुछ और सामग्रियां मिली हैं जिससे जांच में मदद मिल सकती है.' उन्होंने कहा कि बम बनाने में जिन विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया इसका स्पष्ट साक्ष्य नहीं मिल पाया है. बंसल ने हालांकि कहा कि घटनास्थल से नाइट्रेट और पीईटीएन के मिश्रण मिले हैं लेकिन यही अंतिम नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद हम इसके बारे में आपको बताएंगे.'

दिल्ली उच्च न्यायालय में बुधवार के विस्फोट के बाद गुरुवार को अदालती कामकाज पहले की भांति शुरू हो गया जबकि परिसर में जांच अधिकारी और फॉरेंसिक विशेषज्ञ प्रवेश द्वार संख्या पांच के पास जांच में जुटे रहे. परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने खुफिया और जांच एजेंसियों के प्रमुखों और आला अधिकारियों के साथ गुरुवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक में देश के सुरक्षा हालात की समीक्षा की.

इस बैठक में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), अनुसंधान एवं विश्लेषण शाखा (रॉ) और गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) के प्रमुखों के अलावा आला अधिकारी तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाकार शिवशंकर मेनन भी शामिल हुए. विस्फोट मामले की जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंपी गई है. दिल्ली उच्च न्यायालय के गेट नम्बर पांच के बाहर हुए बम विस्फोट में बुधवार को 11 लोगों की मौत हो गई थी और 91 घायल हो गए थे. घायलों में से दो लोगों ने गुरुवार को दम तोड़ दिया. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में प्रमोद (40) और पी. पात्रा (58) की इलाज के दौरान मौत हो गई. तीन घायलों की हालत अब भी गंभीर बताई जा रही है.

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उधर, जम्मू एवं कश्मीर के किश्तवाड़ शहर में एक साइबर कैफे ग्लोबल इंटरनेट पर छापेमारी के बाद पुलिस को इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर हुए विस्फोट की जिम्मेदारी लेने वाला ईमेल यहीं से किया गया था. पुलिस ने दुकान के मालिक ख्वाजा महमूद अजीज व उसके भाई खालिद अजीज को हिरासत में लेकर उनसे ई-मेल भेजने वाले संदिग्ध के बारे में पूछताछ की.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, 'हमें व्यक्ति के शारीरिक बनावट के बारे में बताया गया है. इस व्यक्ति का पता लगाने के लिए पुलिस की टीमों को तैनात कर दिया गया है.' इस बीच, गुरुवार को एक मीडिया हाउस को भेजे गए ई-मेल संदेश में 'इंडियन मुजाहिदीन' ने इस विस्फोट की जिम्मेदारी ली. अपने संदेश में उसने दावा किया है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर उसने विस्फोट कराया. उसने अगले मंगलवार को दिल्ली के एक शॉपिंग मॉल के बाहर बम विस्फोट की धमकी दी है.

बंसल ने कहा कि खुफिया एजेंसियां इस ई-मेल संदेश की सत्यता की जांच कर रही हैं. वहीं, विस्फोट के बारे में स्पष्ट सुराग पाने के लिए हाथ-पांव मार रही एनआईए ने संदिग्धों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने वालों को पांच लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है. सुरक्षा एजेंसियां फरीदाबाद में मिली एक सैंट्रो कार के आधार पर जांच आगे बढ़ाने के अपने विचार को छोड़ दिया है. इस लापता कार को प्रत्यक्षदर्शियों ने विस्फोट से ठीक पहले घटनास्थल के समीप देखा था.

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इसके अलावा एनआईए ने उत्तर प्रदेश से एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है. उसकी पहचान शहजाद नाम से की गई है. सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने संदिग्धों के जो स्केच तैयार कराए हैं उनसे उसका चेहरा मिलता है. बम विस्फोट में मारे गए सभी 13 पीड़ितों की पहचान हो जाने के बाद जांच एजेंसी ने उन अटकलों को भी खारिज कर दिया कि मृतकों में हमलावर भी हो सकते हैं.

उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों एवं वकीलों ने विस्फोट में मारे गए लोगों के प्रति दो मिनट का मौन रखकर शोक संवेदना प्रकट की. बम विस्फोट के बाद गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के सभी प्रवेश द्वारों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई. सरकार की वकील नज्मी वजीरी ने कहा, 'हम उन्हें 49 सीसीटीवी कैमरों की पेशकश कर रहे हैं यदि वे सहमत होते हैं तो हम इन कैमरों को दो सप्ताह के भीतर लगा देंगे.'

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