2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा के खिलाफ दायर की गई जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रहमण्यन स्वामी की एक निजी शिकायत को दिल्ली की एक अदालत ने ‘विचार योग्य’ माना.
सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश प्रदीप चड्ढा ने कहा, ‘मेरी राय है कि इस तरह की शिकायत विचार योग्य है.’ अदालत ने कहा कि स्वामी को पहले शिकायतकर्ता के तौर पर अपना बयान दर्ज कराना होगा तभी सरकारी वकील के बराबर नियुक्ति की उनकी याचिका पर फैसला किया जा सकेगा.
न्यायाधीश ने कहा, ‘आप एक ही समय में शिकायतकर्ता और लोक अभियोजक की भूमिका नहीं निभा सकते.’ स्वामी ने इसके जवाब में कहा, ‘मैं दोहरी भूमिका की मांग नहीं कर रहा.’ उन्होंने कहा, ‘मैं पहले शिकायतकर्ता के तौर पर बयान दूंगा और उसके बाद इस भारी घोटाले में आरोपियों के अभियोजन में अदालत की सहायता करना चाहूंगा.’
न्यायाधीश ने कहा, ‘मैंने भी शिकायत पढ़ी है और उसमें लगे संग्लग्नों और दस्तावेज को देखा है और मेरा यह मानना है कि शिकायत विचार योग्य है और प्रक्रिया जारी रहेगी.’ उन्होंने कहा कि जहां तक आरोपियों और अन्य गवाहों को समन जारी करने की बात है उसके लिये बाद में आवेदन दायर किये जा सकेंगे. अदालत ने स्वामी को अपना बयान दर्ज कराने को कहा.
स्वामी ने पिछले साल 15 दिसंबर को सीबीआई अदालत में 2जी स्पेक्ट्रम आबंटन घोटाले में राजा के अभियोजन की मांग को लेकर एक निजी याचिका दायर की थी. उन्होंने अदालत से तीन प्रार्थनाएं की थीं, जिनमें उनकी शिकायत पर संज्ञान लेने और 1.76 लाख करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़े इस मामले को कानूनी अंजाम तक पहुंचाने के लिए राजा को समन जारी करने की मांग की गई थी.
{mospagebreak} जनता पार्टी के अध्यक्ष ने अदालत से अपनी दूसरी प्रार्थना में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत अपने लिए सरकारी वकील के बराबर का दर्जा मांगा था.
अपने तीसरे आग्रह में उन्होंने अदालत से मांग की कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय जैसी जांच एजेंसियों को अभियोजन और घोटाले की जांच में उनकी सहायता करने को कहा जाए.
अदालत के सामने निजी शिकायत करने के बारे में स्वामी ने दलील दी कि सीबीआई ने हालांकि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन उसमें किसी को आरोपी नहीं बनाया गया था.
कैग रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने आरोप लगाया कि राजा ने ‘पहले आओ पहले पाओ’ की नीति को अपनाकर अयोग्य कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित कर फर्जीवाड़ा किया.
स्वामी ने कहा कि 122 में से जो 85 लाइसेंस विभिन्न कंपनियों को दिये गये वह अवैध थे और स्पेक्ट्रम के आवंटन में हुए नुकसान का आकलन कर कैग 1.76 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े पर पहुंचा.
उन्होंने अपनी याचिका में अपराध प्रक्रिया संविदा की धारा 190 के तहत राजा पर अभियोजन चलाने की मांग की और कहा कि जांच एजेंसियों को मामले के अन्य साजिशकर्ताओं और आरोपियों का पता लगाने को कहा जाए.
दिल्ली की अदालत ने 2जी स्पैक्ट्रम घोटाले में जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रमणियन स्वामी का बयान दर्ज किया और सुनवाई की अगली तारीख पांच फरवरी निर्धारित की.