दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति (ओसी) के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी के करीबी सहयोगी संजय महेंद्रू की जमानत स्वीकार कर ली. महेंद्रू को 2009 में लंदन में क्वींस बैटन रिले घोटाले में कथित भूमिका के चलते गिरफ्तार किया गया था.
ओसी के संयुक्त महानिदेशक महेंद्रू को उनके सहयोगी टी एस दरबारी के साथ गिरफ्तार किया गया था. महेंद्रू 15 नवंबर से जेल में थे.
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने महेंद्रू को इसलिए जमानत दे दी क्योंकि सीबीआई निर्धारित 60 दिन के भीतर जांच पूरी करने और आरोपपत्र दायर करने में असफल रही.
अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को भी ध्यान में रखा, जिसने इस मामले में सह आरोपी टी एस दरबारी को जमानत दे दी थी.
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने कहा, ‘दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर, आरोपी को जमानत दे दी जाती है क्योंकि सीबीआई निर्धारित 60 दिन में आरोपपत्र नहीं दायर कर सकी.’ दरबारी को भी इसी आधार पर जमानत दे दी गई थी कि सीबीआई निर्धारित 60 दिन में आरोपपत्र नहीं दाखिल कर सकी.
अदालत ने महेंद्रू को 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है. उन्हें इस शर्त पर जमानत दी गई है कि वह अदालत की अनुमति के बिना देश छोड़ कर नहीं जाएंगे.
अदालत ने महेंद्रू को चेतावनी भी दी है कि वह जमानत पर रहने के दौरान न तो अभियोजन पक्ष के गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे और न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेंगे.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कल दरबारी को जमानत दे दी थी और दूसरे आरोपी एम जयचंद्रन की जमानत याचिका पर सुनवाई 17 जनवरी तक के लिए टाल दी.
सीबीआई के पास जयचंद्रन के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के लिए 20 जनवरी तक का समय है, ऐसा न होने पर भी उन्हें भी जमानत मिल जाएगी.