गैंगस्टर अबू सलेम को राहत प्रदान करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने जबरन वसूली के मामले में उसके खिलाफ कठोर दंड प्रावधान लगाने की दिल्ली पुलिस की मांग खारिज कर दी और उसे जमानत दे दी.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राकेश पंडित ने उसे इस मामले में एक-एक लाख के निजी और बॉन्ड पर जमानत दे दी. दरअसल पुलिस ने पहले सलेम पर भारतीय दंड संहिता की धारा 384 (फिरौती) और 120 बी (साजिश) के तहत आरोप लगाया था, जिसके तहत अधिकतम तीन साल की जेल की सजा का प्रावधान है.
बाद में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 387 लगाना चाहा, जिसके तहत अधिकतम सात साल की कैद की सजा है. सलेम और सह आरोपी रोमेश शर्मा पर 1998 में व्यापारी विनय कुमार सिंह और मल्कियत सिंह को (जबरन वसूली के लिए) धमकी भरे कॉल करने का आरोप है.