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दिल्‍ली: पानी मसले पर गतिरोध बरकरार

दिल्ली के पानी की भयंकर गमी से गुजरने के बीच के मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और हरियाणा के उनके समकक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा ने पानी साझेदारी विवाद का हल करने के लिए बैठक की लेकिन वे गतिरोध दूर कर पाने में विफल रहे क्योंकि दोनों पक्ष अपने अपने रूख पर कायम रहे.

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दिल्ली और हरियाणा सोमवार को पानी साझेदारी विवाद सुलझाने में विफल रहे जिसके बाद केंद्र ने एक कार्ययोजना तैयार एवं वह इसके तहत दावे और प्रतिदावे के सत्यापन के लिए इंजीनियर तैनात करेगा.

दिल्ली के पानी की भयंकर गमी से गुजरने के बीच के मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और हरियाणा के उनके समकक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा ने पानी साझेदारी विवाद का हल करने के लिए बैठक की लेकिन वे गतिरोध दूर कर पाने में विफल रहे क्योंकि दोनों पक्ष अपने अपने रूख पर कायम रहे.

सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय जल आयोग और उपरी यमुना बोर्ड के इंजीनियर उन स्थानों पर तैनात किए जा सकते हैं जहां से हरियाणा दिल्ली के लिए पानी छोड़ता है.

इसी प्रकार दिल्ली में भी उन स्थानों पर इंजीनियर तैनात किए जाएंगे जहां वह पड़ोसी राज्य से पानी ग्रहण करता है. इससे आपूर्ति किए गए और ग्रहण किए गए पानी की वास्तविक मात्रा का पता लगाने में मदद मिलेगी.

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केंद्रीय जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल की उपस्थिति में दो घंटे तक दोनों मुख्यमंत्रियों की दो घंटे तक बैठक चली, जिसमें दिल्ली पड़ोसी राज्य पर कच्चा पानी की मात्रा घटा देने का आरोप लगाया जबकि हरियाणा ने दावा किया कि वह राष्ट्रीय राजधानी के हिस्से का दुगना पानी पहले से उसे दे रहा है. यह बैठक प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप पर हुई थी.

बैठक के बाद हुड्डा ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है और पानी की कमी से जूझ रही है. मुझे भी इसकी चिंता है. जब भी अधिक मांग होगी, हम उसका हल निकाल लेंगे. सूत्रों के अनुसार बंसल ने दोनों मुख्यमंत्रियों से लचीला रूख अपनाने तथा बातचीत के माध्यम से इसका हल करने के लिए कहा.

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