दिल्ली वालों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. हालात इतने बदतर हैं कि लोग सड़कों पर उतर आए हैं और जगह जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. कुछ इलाकों में तो रात रात भर जागकर लोग नल में पानी आने का इंतजार करते हैं. पानी के लिए द्वारका के भरथल गांव में महिलाओं को रात दिन जागना पड़ रहा है. फिर भी जरूरी नहीं कि पानी मिल ही पाए.
भरथल निवासी सेवा राम ने बताया कि गांव में पानी की हालत पिछले आठ साल से खराब बनी हुई है. जब कभी रात को पानी आता तो हमारी इस नलके से प्यास बुझती थी. भरथल निवासी सुशीला ने बताया, 'मैं जिस दिन से यहां आई हूं, यहां पानी आता ही नही है. पानी के लिए दिन रात घूमना पड़ता है कभी किसी के घर कभी किसी के घर.
पानी की किल्लत से गोकुलपुरी का हाल भी बेहाल है. न जलबोर्ड फिक्र कर रहा है न सरकार. अब सब्र का बांध टूट चुका है. यहां महिलाओं ने जलबोर्ड के इंजीनियर का घेराव किया. गोकलपुरी के आर डब्लू ए का कहना है की कई बार हम लोग जल बोर्ड और जल बोर्ड के कई बड़े अधिकारियो के पास यहां की शिकायत ले कर गए मगर कोई सुनने को तैयार नहीं है.
मोहन गार्डन में भी पानी के लिए लोगों ने जमकर हंगामा किया. सिविल लाइंस जैसे पॉश इलाके में भी बीते छह दिनों से पानी की भारी किल्लत है. यहां हरियाणा सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की कॉलोनी है. इनका कहना है कि हरियाणा से खुन्नस के चलते दिल्ली जलबोर्ड ने उनका पानी बंद कर दिया है. जाहिर है पानी को लेकर शीला सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है वहीं सरकार बयानबाजी के सिवा कोई ठोस उम्मीद नहीं जगा पाई है.