दुनियाभर में भारतीय सबसे ज्यादा अवसादग्रस्त हैं. कुल अवसादग्रस्त भारतीयों में से करीब 36 फीसदी अवसाद के विविध लक्षणों मेजर डिप्रेसिव एपिसोड (एमडीई) से पीड़ित हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रायोजित एक अध्ययन में पाया गया कि नीदरलैंड, फ्रांस और अमेरिका जैसे धनी देशों में रह रहे लोग ज्यादा दुखी रहते हैं और गरीब देशों की तुलना में ज्यादा अवसादग्रस्त होते हैं.
नीदरलैंड में अवसादग्रस्त लोगों में से करीब 33.6 फीसदी लोग एमडीई से पीड़ित हैं और वह सूची में दूसरे स्थान पर रहा. फ्रांस और अमेरिका तीसरे और चौथे स्थान पर रहे.
भारत में करीब नौ फीसदी लोगों में लंबी अवधि तक अवसाद के मामले पाए गए जबकि लगभग 36 फीसदी लोग एमडीई पीड़ित पाए गए. भारत में अवसाद की औसत आयु 31.9 साल, जबकि चीन में 18.8 साल और अमेरिका में 22.7 साल पाई गई.
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