सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) की सलाहकार समिति के दो सदस्यों ने फिल्म ‘पीपली लाइव’ में दिवंगत प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के संबंध में एक संवाद पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह पूर्व प्रधानमंत्री को लेकर अपमानजनक टिप्पणी है.
मोहन सिंह सैनी और बृजमोहन शर्मा ने सीबीएफसी की अध्यक्ष शर्मिला टैगोर, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी और आमिर खान प्रोडक्शन को पत्र लिखकर मांग की है कि इस अपमानजनक टिप्पणी को हटाया जाए.
सैनी ने कहा कि उन्होंने निर्माता आमिर खान से माफी मांगने को कहा है. उनके मुताबिक फिल्म को निरीक्षण समिति ने मंजूरी दी थी, जिसमें सलाहकार समिति के चार सदस्य और सीबीएफसी का एक अधिकारी था तथा वह और शर्मा इसमें शामिल नहीं थे.
उन्होंने कहा कि फिल्म के एक दृश्य में जिला मजिस्ट्रेट से प्रभावित किसान को हत्थे का नल देने के लिए कहा जाता है. इसके लिए फिल्म में संवाद है कि ‘उसे एक लाल बहादुर दे दो’ दरअसल फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री के नाम पर चल रही एक योजना के तहत हैंडपंप दिये जाने का जिक्र है.
सैनी ने कहा कि यह अपमानजनक है और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का सीधे तौर पर अपमान है, जो भारत में अब तक के सबसे ईमानदार राजनेता रहे. सैनी ने आमिर को लिखे पत्र में कहा है कि इस तरह के प्रदर्शन में संवेदनशीलता की कमी साफ झलकती है और यह कलाकारों, निर्माता तथा निर्देशक द्वारा जानबूझकर किया गया है.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक व्यंग्य के चलते आपने एक महान व्यक्तित्व का अपमान किया है. सैनी ने कहा कि यदि आमिर फिल्म से संवाद को नहीं हटाते तो वह और शर्मा दक्षिण मुंबई के रीगल में शास्त्री जी की मूर्ति के पास भूख हड़ताल पर बैठेंगे.