तृणमूल कांग्रेस के शासनकाल में पश्चिम बंगाल की खराब तस्वीर पेश करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में ‘हताशा’ भरी स्थिति है जिसमें किसान अपने उत्पाद बेचने में अक्षम हैं और नए उद्योग आ नहीं रहे हैं.
ग्रामीण बंगाल के किसानों को धान एवं अन्य कृषि उत्पाद बेचने में कठिनाईयां आ रही हैं क्योंकि, ‘जो मूल्य उन्हें मिल रहे हैं वे कम हैं.’ सीटू के चार दिवसीय राज्य सम्मेलन के अंतिम दिन उन्होंने एक रैली में यह बात कही.
उन्होंने कहा कि नये उद्योग नहीं आ रहे हैं और वामपंथी शासन काल के दौरान जिन उद्योगों ने राज्य में आने का वादा किया था वे दूर हो रहे हैं.
भट्टाचार्य ने आश्चर्य जताया, ‘सरकार एक भी निवेश लाने में विफल हो रही है. आईटी कंपनियां विप्रो और इन्फोसिस हमारे शासनकाल में आई थीं जो अब राज्य छोड़ने पर विचार कर रही हैं. राज्य का क्या होगा?’
उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार निवेशकों को भूमि मुहैया कराने में विफल रहती है तो नया निवेश नहीं आएगा.
उन्होंने कहा कि टीएमसी ने जिस सिंगूर में हिंसक आंदोलन चलाया था, अब वह वीरान है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अगर सिंगूर में उद्योग लाने की योजना नहीं टाली जाती तो हुगली की स्थिति अलग होती.’