आज मकर संक्रांति का पावन पर्व है और इस मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों में सुबह से ही गंगा किनारे स्नान के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. हाड़ कंपाती ठंड के बावजूद हजारों की संख्या में श्रद्धालु पौ फटते ही मकर संक्रांति के मौके पर स्नान के लिए घाटों पर जमा हो चुके हैं.
शास्त्रों के मुताबिक आज के दिन गंगा या दूसरे पवित्र नदियों में स्नान- दान का विशेष महत्व है क्योंकि आज सूर्य की संक्रांति होगी और वो मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा. इतना ही नहीं सूर्य के साथ मंगल भी आ जाएगा मकर राशि में जिसे बेहद शुभ माना जा रहा है. पंडितों के मुताबिक आज के दिन स्नान-दान का खास महत्व है.
मकर संक्रांति पर इलाहाबाद के संगम तट पर 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु त्रिवेणी की पावन धारा में डुबकी लगाने आ सकते हैं. हाल ही में वाराणसी में हुए धमाके के बाद इस बार के माघ मेले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
मेले के चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी लगाए गए हैं और संवेदनशील इलाकों में विशेष कमांडो की तैनाती की गयी है. मेले में पीएसी की 11 कम्पनियां, रैपिड एक्शन फ़ोर्स की 3 कंपनियां, जल पुलिस की तीन कंपनिया, बम निरोधक दस्ते और एंटीमाइंस टीम भी लगाई गयी हैं. सेना को भी अलर्ट पर रखा गया है. कुल मिलाकर पूरा मेला क्षेत्र छावनी में तब्दील हो गया है.
सुरक्षा के लिहाज से 10 थाने और 32 पुलिस चौकिया भी बनाई गई हैं. मेले में भगदड़ जैसी घटना को रोकने के लिए पांच अस्थायी पुल भी बनाए गए हैं. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब मकर संक्रांति की तिथि को लेकर पंडितों में अलग-अलग राय है. कुछ ज्योतिषाचार्यों का दावा है कि मकर संक्रांति का पर्व 14 की बजाए 15 जनवरी को मनाया जाना चाहिए क्योंकि इस बार सूर्य आधी रात को मकर राशि में प्रवेश कर रहा है.