भारत पर इंग्लैंड के खिलाफ पिछले दो मैच में हार के कारण नंबर एक टेस्ट रैंकिंग से खिसकने का खतरा मंडरा रहा है तथा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी टीम इसके लिये बेहद व्यस्त कार्यक्रम को दोषी मानते हैं.
उन्होंने हालांकि उम्मीद जतायी कि चार मैचों की श्रृंखला के अगले मैच से पहले पर्याप्त विश्राम मिलने से भारत वापसी करने में सफल रहेगा. धोनी ने इंग्लैंड के हाथों ट्रेंटब्रिज टेस्ट मैच 319 रन से गंवाने के बाद कहा, ‘किसी ने कहा है कि समय बहुत महत्व रखता है. हम कैरेबियाई दौरे से सीधे यहां आये और हमारे पास एक अभ्यास मैच से अधिक खेलने का समय नहीं था. इसलिए हमने एक के बाद एक चार नहीं बल्कि सात मैच खेले हैं.’
उन्होंने कहा, ‘यह श्रृंखला वेस्टइंडीज दौरे के तुरंत बाद शुरू हो गयी और हमें वास्तव में थोड़ा भी समय नहीं मिला. इंग्लैंड दौरे के लिये आपको अलग तरह की तैयारियों की जरूरत होती. इस संदर्भ में अगले दस दिन काफी महत्वपूर्ण होंगे.’
वीरेंद्र सहवाग टीम से जुड़ने वाले हैं तथा गौतम गंभीर और जहीर खान का 10 अगस्त से एजबेस्टन में शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट मैच तक फिट होने की संभावना है. ऐसे में धोनी को वापसी की उम्मीद है. भारत के लिये श्रृंखला अभी तक काफी कड़ी रही है और धोनी ने स्वीकार किया कि उनकी मशहूर बल्लेबाजी क्रम को अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ‘बड़ा स्कोर खड़ा करना महत्वपूर्ण है. इस मामले में हम थोड़ा पिछड़ गये हैं. यहां तक कि वेस्टइंडीज में हम लगातार अच्छे रन नहीं बना पाये. हमें बल्लेबाजी में सुधार की जरूरत है.’ धोनी अपनी खुद की फार्म को लेकर भी चिंतित लगे. उन्होंने कहा, ‘मेरी फार्म थोड़ा चिंता का विषय है लेकिन मेरी तैयारियां और प्रक्रिया सही है. आपको वास्तव में चिंता करने की जरूरत नहीं है. फार्म हासिल करने के लिये केवल 15 गेंद की जरूरत पड़ती है.’
भारतीय कप्तान ने कहा कि जहीर, गंभीर और सहवाग जैसे प्रमुख खिलाड़ियों की चोट से भारत को करारा झटका लगा. धोनी ने कहा, ‘हमें पहले टेस्ट मैच में जहीर की कमी खली. हमें इस मैच में हरभजन की कमी खली. हमारे नियमित सलामी बल्लेबाज नहीं थे. हमारे लिये परिस्थितियां वास्तव में कड़ी थी.’
उन्होंने स्वीकार किया कि इंग्लैंड की बल्लेबाजी में गहराई है लेकिन साथ ही कहा कि यदि उन्हें चोटी के चार गेंदबाजों की सेवाएं मिलें तो इससे पार पाया जा सकता है. धोनी ने कहा, ‘उनके निचले क्रम के बल्लेबाज भी बड़ा स्कोर खड़ा करने का माद्दा रखते हैं. केवल जेम्स एंडरसन ही ऐसा है जो बड़ी देर तक क्रीज पर नहीं टिक सकता. पहली पारी में हमने उनके आठ विकेट 124 रन पर ले लिये थे और फिर भी वे 100 रन अधिक बनाने में सफल रहे.’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन यदि हमारे चारों मुख्य गेंदबाज खेल रहे हों तो फिर हम उन्हें सस्ते में आउट कर सकते हैं.’ भारतीय बल्लेबाज दूसरे टेस्ट मैच में शार्ट पिच गेंदों के सामने असहज दिखे लेकिन धोनी ने कहा कि यह बड़ा मसला नहीं है. उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि हमने शार्ट पिच गेंदों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं किया. कुछ अवसरों पर कोई खिलाड़ी ऐसी गेंद पर कैच दे देता है लेकिन हमारे अधिकतर बल्लेबाज शार्ट पिच गेंदों को अच्छी तरह से खेलते हैं. यह बड़ी चिंता की बात नहीं है.’
धोनी इस बात से भी सहमत नहीं थे कि टीम के युवा बल्लेबाज शार्ट पिच गेंदों को सही तरह से नहीं खेल पा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘आपको नये खिलाड़ियों को टेस्ट मैचों में लगातार अवसर देने की जरूरत है. आपको प्रतिभा को निखारने की जरूरत है. कुछ अवसरों पर वे शतक जड़ते हैं लेकिन आप चाहते हो कि वे निरंतर एक जैसा प्रदर्शन करें. यह तभी संभव है जबकि आप उन्हें विभिन्न परिस्थितियों में अधिक से अधिक मैच खेलने मौका दो.’
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