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धोनी को पसंद नहीं है पांच गेंदबाजों के साथ उतरना

भारतीय टीम भले ही न्यूजीलैंड के खिलाफ गेंदबाजों के लगातार लचर प्रदर्शन से चिंतित हो लेकिन इसके बावजूद 20 नवंबर से शुरू होने वाले तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में उसके पांच गेंदबाजों के साथ उतरने की संभावना नहीं है क्योंकि बल्लेबाजी क्रम में सातवें नंबर पर आने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अंतिम एकादश में हमेशा छह विशेषज्ञ बल्लेबाज रखना पसंद करते हैं.

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भारतीय टीम भले ही न्यूजीलैंड के खिलाफ गेंदबाजों के लगातार लचर प्रदर्शन से चिंतित हो लेकिन इसके बावजूद 20 नवंबर से शुरू होने वाले तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में उसके पांच गेंदबाजों के साथ उतरने की संभावना नहीं है क्योंकि बल्लेबाजी क्रम में सातवें नंबर पर आने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अंतिम एकादश में हमेशा छह विशेषज्ञ बल्लेबाज रखना पसंद करते हैं.

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धोनी ने जब से कप्तानी संभाली है तब से भारत किसी भी मैच में पांच गेंदबाजों के साथ नहीं उतरा. अब जहीर खान के चोटिल होने से भारतीय गेंदबाजी अधिक कमजोर दिख रही है लेकिन पूरी संभावना है कि भारत दो तेज गेंदबाज और दो स्पिनरों के साथ मैदान पर उतरेगा. पूर्व कप्तान रवि शास्त्री का हालांकि मानना है कि भारत को पांच गेंदबाजों के साथ उतरना चाहिए क्योंकि हरभजन सिंह अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं.

उन्होंने हाल में कहा था, ‘जहीर खान अनफिट है इसलिए भारत को श्रीसंत, इशांत शर्मा, हरभजन सिंह, अमित मिश्रा और प्रज्ञान ओझा को टीम में रखना चाहिए.’ धोनी हालांकि इससे इत्तेफाक नहीं रखते क्योंकि उनका मानना है कि भारत चार गेंदबाजों के साथ खेलने में अधिक सहज महसूस करता है.

उन्होंने हैदराबाद में दूसरे टेस्ट मैच के बाद कहा था, ‘यह विकल्प हो सकता है लेकिन हम अधिकतर चार गेंदबाजों के साथ ही उतरते हैं.’ धोनी ने अब तक 20 मैचों में भारत की कमान संभाली है लेकिन इनमें से किसी भी मैच में भारत पांच गेंदबाजों के साथ नहीं उतरा. असल में पिछले दो साल में भारतीय टीम ने अंतिम एकादश में कभी पांच गेंदबाज नहीं रखे. {mospagebreak}

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भारतीय टीम में श्रीसंत, इरफान पठान, आर पी सिंह, अनिल कुंबले और हरभजन सिंह के रूप में पांच गेंदबाज थे लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने सात विकेट पर 494 रन ठोक डाले थे. दूसरी तरफ भारत को एक बल्लेबाज की कमी अखरी और उसकी टीम 76 और 328 रन ही बना पायी थी. इससे पहले जनवरी 2008 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में भी भारत पांच गेंदबाजों के साथ उतरा था लेकिन तब इरफान पठान ने सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभायी थी.

आस्ट्रेलिया ने तब 563 रन बनाये थे और यह मैच ड्रा हो गया था. भारत ने पिछले दो साल के अंदर सभी मैच में चार गेंदबाज रखे. इनमें से अधिकतर मैच में जहीर और इशांत टीम का हिस्सा रहे. इस बीच हालांकि तेज गेंदबाजों में मुनाफ पटेल, एस श्रीसंत और अभिमन्य मिथुन जबकि स्पिनरों में हरभजन के अलावा प्रज्ञान ओझा और अमित मिश्रा ने भी कुछ मैच खेले.

धोनी को हालांकि तेज गेंदबाजी में जहीर के साथ इशांत या श्रीसंत तथा स्पिनरों में हरभजन के साथ ओझा ही अधिक पसंद आये. हरभजन और ओझा मिलकर नौ मैच में भारतीय स्पिन आक्रमण की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. नागपुर में जहीर की अनुपस्थिति में श्रीसंत और इशांत गेंदबाजी का आगाज कर सकते है. टीम में हालांकि युवा तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट को भी लिया गया है.

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