विश्वकप फाइनल से पहले टूर्नामेंट में रन बनाने में नाकाम रहे भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बारे में ‘प्लेयर आफ द टूर्नामेंट’ युवराज सिंह ने कहा कि फाइनल से पहले धोनी ‘ऐसा बम था जो बस फटने वाला’था.
युवराज ने क्रिकेट बोर्ड के ताजा न्यूजलेटर में लिखा, ‘धोनी ने टूर्नामेंट में बड़ा स्कोर नहीं बनाया था लेकिन वह कड़ी मेहनत कर रहा था. उसने एक भी अभ्यास सत्र नहीं छोड़ा. नेट पर उसे देखकर ऐसा लगता था कि वह ऐसा बम है जो फटने वाला है.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि यह बम फाइनल में फटा, उससे पहले नहीं. वह फाइनल में मुझसे पहले बल्लेबाजी के लिये उतरा लेकिन वह बायां-दायां संयोजन बनाये रखने के लिये लिया गया फैसला था. उसे खुद को साबित करना था और उसने यादगार पारी खेली.’
धोनी ने फाइनल में 79 गेंद में नाबाद 91 रन बनाये जिसमें आठ चौके और दो छक्के शामिल थे. इसमें नुवान कुलशेखरा को जड़ा विजयी छक्का शामिल है. युवराज ने लिखा कि धोनी के लिये दबाव उसी तरह है जैसे मछली के लिये पानी. उन्होंने कहा कि वह खुशकिस्मत है कि कप्तान के विजयी छक्के के समय वह क्रीज पर थे. विश्वकप के नौ मैचों में 362 रन बनाने वाले युवराज ने 15 विकेट भी लिये थे. उन्होंने कहा कि लीग चरण में नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के हाथों हार भारत के लिये निर्णायक मोड़ था.
उन्होंने कहा, ‘दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हार हमारे अभियान का निर्णायक मोड़ थी. उस मैच में बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण बहुत खराब था जिसके बाद हमने इन दोनों पहलुओं पर काफी मेहनत की.’
भारतीय टीम ने उस मैच में 296 रन बनाये थे लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने दो गेंद शेष रहते सात विकेट पर 300 रन बना लिये. अपनी गेंदबाजी के बारे में युवराज ने कहा, ‘मुझे काफी गेंदबाजी करनी थी क्योंकि टीम में मैं अकेला बायें हाथ का स्पिनर था. मुझे गेंदबाजी में बहुत मजा आया. मैने सीधी गेंदबाजी की और कुछ अच्छे स्पैल फेंके.’