2-जी स्पेक्ट्रम मामले में प्रणव मुखर्जी के साथ कथित टकराव के बाद हुई सुलह पर असहज करने वाले सवालों की बौछार से गृह मंत्री पी चिदंबरम भले ही कुछ परेशान हुए हों लेकिन हर बार उन्होंने यही कहकर बात टाली कि उन्हें कुछ याद नहीं.
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अपने मंत्रालय की सितंबर महीने की प्रगति रिपोर्ट पेश करने के बाद चिदंबरम से पत्रकारों ने 2-जी स्पेक्ट्रम मामले का जिक्र किया. प्रणव से दूरी और फिर सुलह के सवाल किये गये. उच्चतम न्यायालय में इस संबंध में लंबित मामले, गृह मंत्री के इस्तीफे की पेशकश और सुब्रहमण्यम स्वामी से दुश्मनी के प्रश्न भी हुए.
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चिदंबरम असहज करने वाले इन सवालों से भले ही परेशान हुए हों लेकिन हर सवाल को उन्होंने यही कहते हुए टाल दिया कि उन्हें कोई बात याद नहीं. मजाकिया अंदाज में चिदंबरम ने यह भी कह डाला कि उनकी स्मरण शक्ति कमजोर है इसलिए कुछ याद नहीं है.
सवालों के जवाब में उन्होंने यह भी लगातार कहा कि जिस मामले का जिक्र संवाददातागण कर रहे हैं, वह गृह मंत्रालय से संबंधित नहीं है. यह पूछने पर कि मामला गृहमंत्री से तो जुड़ा हुआ है, चिदंबरम ने फिर दोहराया कि मामला उनके मंत्रालय से संबंधित नहीं है.
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सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में चल रहे मामले के बारे में पूछे गये सवालों पर चिदंबरम ने कुछ अलग ही बात कह डाली कि देश में कोई न कोई गृहमंत्री तो हमेशा रहेगा ही.
यह पूछने पर कि उन्होंने पिछले दस दिन के दौरान इस्तीफे की पेशकश की थी क्या, चिदंबरम सवाल टाल गये. दोबारा पूछने पर कि कितनी बार उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की थी, चिदंबरम बोले कि उनकी गिनती कमजोर है इसलिए वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकते.
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शायद पहले से तय करके आये चिदंबरम ने साफ शब्दों में कहा कि इस मामले (2-जी) में यदि उनसे कोई सवाल किया जाएगा, तो उनका जवाब होगा, ‘कोई जवाब नहीं है.’