कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी महासचिव राहुल गांधी एक और जमीन विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं. इस बार मामला सामने आया है मुंबई की एक जमीन का, जिस पर गांधी परिवार के ट्रस्ट एसोसिएटेड जरनल का कब्जा है.
मुंबई में 90 करोड़ रुपये की एक जमीन का टुकड़ा गांधी परिवार नियंत्रित एसोसिएटेड जरनल नामक ट्रस्ट को कौड़ियों के भाव दे दिया गया. डील के नियमों के खिलाफ इस जमीन पर पिछले 30 सालों में किसी तरह का विकास नहीं हुआ है, और अब भी इस पर ट्रस्ट का कब्जा है. इस धांधली का खुलासा हेडलाइंस टुडे को मिले एक कागजात से हुआ है.
गौरतलब है कि ट्रस्ट को यह जमीन नेशनल हेराल्ड अखबार के लिए ऑफिस बनाने के लिए दी गई थी. हालांकि पिछले 30 सालों में इस जमीन पर कोई काम नहीं हुआ है.
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सबसे पहले इस जमीन का इस्तेमाल गरीब दलित छात्रों के छात्रावास बनाए जाने के लिए होना था. पर इसे ट्रस्ट को दे दिया गया.
शिवसेना नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार पर गांधी परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों को अनदेखी करने का आरोप लगाया है. कागजात भी यही बताते हैं कि राज्य सरकार इस हाईप्रोफाइल ट्रस्ट पर पट्टे की शर्तों को लागू करवाने में विफल रही.
दस्तावेज बताते हैं कि राज्य सरकार ने ट्रस्ट की जमीन को फिर से संगठित करने के अनुरोध को भी स्वीकार कर लिया, यह जानते हुए कि ट्रस्ट कई नियमों का अनुपालन नहीं कर रही थी.
अब तक पट्टे की शर्तों का पालन नहीं होने के बावजूद इस जमीन को महाराष्ट्र सरकार द्वारा जब्त नहीं किया गया है. राज्य सरकार ने भी यह साफ नहीं किया है कि नियमों की अनदेखी होने के बावजूद उसने यह जमीन वापस क्यों नहीं ली?
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने से यह कहकर इनकार कर दिया कि वह इस मसले पर और जानकारी हासिल करने के बाद ही कुछ बोल सकेंगे.
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने राहुल गांधी पर 1600 करोड़ रुपये की धांधली का आरोप लगाया था. स्वामी के मुताबिक यह धांधली नेशनल हेराल्ड और कॉमी आवाज नाम के दो अखबारों की संपत्ति से जुड़ी हुई है.
इससे पहले इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने रियलिटी कंपनी डीएलएफ पर सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था.