कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्य अरविंद केजरीवाल पर सवालों की बौछार कर दी है. एक ओर दिग्विजय सिंह ने केजरीवाल से 27 सवालों के जवाब मांगे हैं, दूसरी ओर केजरीवाल ने यह कहते हुए इनके जवाब देने से मना कर दिया कि सवाल जबाव देने योग्य नहीं हैं.
केंद्र सरकार से इजाजत का मसला
अरविंद केजरीवाल को सवालों के घेरे में खडा़ करते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल बताएं कि अमेरिका के फोर्ड फांउडेशन से उनके एनजीओ कबीर एवं परिवर्तन के लिये चार लाख डालर मिले थे और क्या धनराशि लेने के लिये केन्द्र सरकार से इजाजत ली गयी थी?
दिग्विजय सिंह ने अपने गृहनगर राघवगढ़ में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए केजरीवाल से जानना चाहा कि उनके आवास नामक उस संस्था से क्या संबंध हैं, जो लीबिया, सीरिया, ट्यूनीशिया में .सिविल डिसओइबिएंट मूवमेंट, से जुडी़ हैं और इसको लेकर दिल्ली को तहरीर चौक बनाने के पूर्व के उनके कथन का आशय क्या था?
नौकरी व तबादलों पर भी सवाल
दिग्विजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल सभी को नियम एवं कायदे बताते नहीं थकते, लेकिन अब उन्हें बताना चाहिये कि वर्ष 1992 में शासकीय सेवा में आने तथा तीन वर्ष में तबादला होने के नियम उन पर लागू क्यों नहीं हो पाया और तथा वह स्वंय और उनकी पत्नी लगातार दिल्ली में एक साथ सेवा कैसे करते रहे?
उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने वर्ष 2002 में स्टडी-लीव ली थी. उस दौरान उन्हें एक रिपोर्ट बनाकर सरकार के पास प्रस्तुत करनी थी, लेकिन अंतरिम रिपोर्ट देने के बाद अंतिम रिपोर्ट देने के नियम का पालन उन्होंने क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा कि केजरीवाल का शासकीय सेवा में रहते हुए जब चंडीगढ स्थानांतरण हुआ तो उन्होंने शासकीय आदेश मानने के नियम का पालन क्यों नहीं किया?
आई 'स्टडी लीव' की याद
दिग्विजय सिंह ने कहा कि स्टडी लीव के बाद तीन वर्ष सेवा करने का नियम का उल्लंघन करते हुए केजरीवाल ने डेढ़ वर्ष में शासकीय सेवा त्यागकर कौन से नियम का पालन किया? दिग्विजय सिंह यहीं नहीं रुके और उन्होंने केजारीवाल से यह भी जानना चाहा कि वे यह भी बताएं कि शासकीय सेवा में रहते हुए एनजीओ बनाने के लिये सरकार की इजाजत लेने के नियम का पालन किया कि नहीं?
'बातें सच साबित हुईं'
दिग्विजय सिंह ने कहा कि चाहे केजरीवाल हो या अन्ना हजारे हों, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हो या बाबा रामदेव या उनके सहयोगी बालकिशन का मामला हो, इन सभी के बारे में उनके द्वारा कही गई बातें सच साबित हुई हैं और अब केजरीवाल को उनके प्रश्नों का जवाब देना चाहिये.
उन्होंने कहा कि यदि सही प्रश्न पूछना पागलपन है तो मैं पागल हूं. इंदौर उच्च न्यायालय द्वारा ट्रेजर आईलैण्ड के संबंध में सीबाआई जांच के आदेश का स्वागत करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि उससे संबंधित किसी भी फाइल पर मेरे हस्ताक्षर नहीं हैं.