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मुंबई हमले में पाक की भूमिका पर संदेह नहीं जताया: दिग्विजय

भाजपा की ओर से ताजा अलोचनाओं के बावजूद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह महाराष्ट्र के एटीएस प्रमुख संबंधित अपने बयान पर कायम रहते हुए आज कहा कि करकरे की जिंदगी को हिंदू कट्टरवादी समूहों से खतरा था.

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भाजपा की ओर से ताजा अलोचनाओं के बावजूद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह महाराष्ट्र के एटीएस प्रमुख संबंधित अपने बयान पर कायम रहते हुए आज कहा कि करकरे की जिंदगी को हिंदू कट्टरवादी समूहों से खतरा था. लेकिन स्पष्ट किया कि उन्होंने मुम्बई आतंकवादी हमले में पाकिस्तानी तत्वों की भूमिका होने पर कभी संदेह नहीं किया? सिंह ने विपक्षी पार्टी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने हिंदू कट्टरवादी संगठनों को अपना समर्थन दिया था.

भाजपा ने दिग्विजय सिंह को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मुंबई आतंकवादी हमले में मारे गए एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे के बारे में यह ‘उटपटांग' टिप्पणी करने के लिए कांग्रेस को अपने इस महासचित को तुरंत बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए. दिग्विजय ने कहा है कि 26 नवम्बर 2008 को हुए मुम्बई आतंकवादी हमले से कुछ ही घंटे पहले करकरे ने उन्हें बताया था कि मालेगांव जांच के मद्देनजर उन्हें हिंदू कट्टरवादी संगठनों से अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता है.

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भाजपा नेता वेंकैया नायडू ने उनके बयान को ‘मूखर्तापूर्ण टिप्पणी’ करार देते हुए कहा कि इस टिप्पणियों से केवल पाकिस्तान खुश होगा.

कांग्रेस महासचिव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं आडवाणी जी और राजनाथ जी से पूछना चाहता हूं कि मालेगांव विस्फोट के बाद जब साध्वी प्रज्ञा को गिरफ्तार किया गया तो वे प्रधानमंत्री से मिलने क्यों गए. राजनाथ जी उनसे मिलने जेल में क्यों गए? भाजपा को प्रधानमंत्री से कुछ पूछने से पहले इन सवालों के जवाब देने होंगे.’ सिंह ने दावा किया था कि करकरे ने मालेगांव विस्फोट की जांच की मुखालफत कर रहे लोगों से अपनी जान को खतरा बताया था. मालेगांव विस्फोट में हिंदू कट्टरपंथियों के शामिल होने का आरोप है.{mospagebreak}

उन्होंने कहा कि 26/11 को मुंबई हमले में पाकिस्तानी तत्वों की भूमिका पर उन्हें कभी संदेह नहीं रहा . दिग्विजय ने कहा, ‘मैंने कभी नहीं कहा कि दक्षिणपंथी संगठन आतंकवादी हमले में शामिल थे . लेकिन यह एक तथ्य है कि ऑन रिकार्ड कह सकता हूं कि वह :करकरे: को कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं से खतरा था.’

दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे से कांग्रेस पार्टी को अलग करने करने की कोशिश करते हुए कहा, ‘यह कांग्रेस पार्टी का मुद्दा नहीं है. यह मुद्दा मेरे और करकरे के बीच बातचीत से संबंधित है.’ कांग्रेस ने कल दिग्विजय के बयान से अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि ‘यह मुद्दा दो व्यक्तियों के बीच का मुद्दा है.’ कांग्रेस के प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा कि यह दिग्विजय सिंह पर है वह इस बारे में विस्तृत जानकारी दें, पुष्टि करें या इससे इनकार कर दें.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल शास्त्री ने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए दिग्विजय सिंह और करकरे के बीच तथाकथित फोन काल की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है कि करकरे के आतंकवादी हमले में शहीद होने के बावजूद दिग्विजय सिंह और करकरे के बीच टेलीफोन काल की जांच की जाए.’{mospagebreak}

भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा, ‘जहां तक मैं दिग्विजय को जानता हूं, वह उटपटांग बयान के लिए अपने आप इस्तीफा देने वालों में से नहीं हैं. इस्तीफा मांगने पर भी वह जल्दी देने वाले नहीं. ऐसे में कांग्रेस को उन्हें बाहर जाने को बाध्य करना चाहिए. ऐसा नहीं किया गया तो इस देश को चाहने वाले लोग कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘सुखिर्यों में बने रहने के प्रयास में दिग्विजय उटपटांग बयान दे रहे हैं. कांग्रेस ने उनके बयानों से अपने को अलग किया है. लेकिन इतना भर संतोषजनक नहीं है. कांग्रेस को अपने महासचिव की अनर्गल बातों के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए और उनसे इस्तीफा लेना चाहिए.’ भाजपा के नेता मुरली मनोहर जोशी ने कांग्रेस नेतृत्व से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि दिग्विजय सिंह जैसा व्यक्ति पार्टी के महासचिव पद पर कैसे बना हुआ है.

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विहिप के महासचिव प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि दिग्विजय के बयान से यह लगता है कि वह ‘पाकिस्तानी एजेंट’ के रूप में कार्य कर रहे हैं.

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