मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करके शुंगलू समिति पर अपनी सरकार की स्थिति के बारे में उन्हें जानकारी दी. इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री तथा उप राज्यपाल तेजेन्द्र खन्ना को राष्ट्रमंडल खेल की कुछ परियोजनाओं में अनियमितताओं के लिए दोषी ठहराया गया है.
करीब एक घंटे तक चली मुलाकात में समझा जाता है कि दीक्षित ने प्रधानमंत्री को उन परिस्थितियों के बारे में जानकारी दी जिनके चलते दिल्ली की सरकार को परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए कुछ फैसले करने पड़े. उन्होंने साथ ही जांच आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने पर निराशा भी जाहिर की.
यह भी समझा जाता है कि दीक्षित ने प्रधानमंत्री को अपने कैबिनेट की सामूहिक भावनाओं से भी अवगत कराया जिसने रिपोर्ट पर चर्चा की है और जो रिपोर्ट के तथ्यों से बेहद निराश है क्योंकि इसमें सरकार की ओर इशारा किया गया है.
इससे पूर्व दिन में दीक्षित ने कहा था कि उनकी सरकार ने शहर में सफलतापूर्वक खेल संपन्न कराने के लिए हर संभव कोशिश की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यह समझ नहीं आ रहा है कि हमने क्या गलत किया. मैंने कुछ परियोजनाओं में निजी तौर पर दिलचस्पी ली क्योंकि यह समय की जरूरत थी. सफलतापूर्वक आयोजन कराना सुनिश्चित करने के लिए हमने बहुत प्रयास किए.
यह पूछे जाने पर कि क्या सड़कों पर रोशनी व्यवस्था संबंधी परियोजना में उन्होंने निजी तौर पर दिलचस्पी ली जिसकी शुंगलू समिति ने आलोचना की है, तो दीक्षित ने कहा कि मैंने निजी तौर पर दिलचस्पी ली क्योंकि यह वक्त की जरूरत थी.