जमीन पर कब्जे का आरोप झेल रहे कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी डी दिनाकरन को उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम ने छुट्टी पर जाने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि न्यायमूर्ति दिनाकरन पर लगे आरापों की वजह से उच्चतम न्यायालय में बतौर न्यायाधीश उनकी पदोन्नति रोक दी गयी है.
उच्चपदस्थ सूत्रों ने कहा कि 59 साल के दिनाकरन के खिलाफ यह फैसला लिया गया है. न्यायमूर्ति दिनाकरन के खिलाफ 100 से ज्यादा सांसदों ने राज्यसभा के सभापति से उन पर महाभियोग चलाने की मांग की थी. उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति दिनाकरन पिछले दिसंबर से ही कोई न्यायिक कार्य नहीं कर रहे हैं.
सूत्रों ने बताया कि कोलेजियम ने दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मदन बी लाकुर को कर्नाटक उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने का भी फैसला कर लिया है.
कर्नाटक उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पुट्टे गौड़ा ने नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति से संबंधित कोलेजियम के फैसले का स्वागत किया है.
न्यायमूर्ति दिनाकरन उसी समय से कोई न्यायिक कार्य नहीं कर रहे हैं जब राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने पिछले दिसंबर में वह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया था जिसमें भ्रष्टाचार, जमीन पर कब्जे और न्यायिक पद के गलत इस्तेमाल के आरोपों में उन्हें पद से हटाने की मांग की गयी थी.