लोकपाल मुद्दे पर लोकसभा में बिना मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा की शुरूआत का विपक्ष, विशेषकर भाजपा सदस्यों ने कड़ा विरोध किया. इसके चलते हुए हंगामे के कारण सदन की बैठक भोजनावकाश के बाद लगभग डेढ़ घंटे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
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भाजपा सदस्यों का कहना था कि उन्होंने मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम 184 के तहत चर्चा का नोटिस दिया था लेकिन उन्हें सूचित किए बिना इस पर नियम 193 के तहत चर्चा शुरू करा दी गयी. उन्होंने सत्ता पक्ष पर संसद का मजाक बनाने का आरोप भी लगाया.
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लोकसभा उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने विपक्षी सदस्यों को शांत करने का प्रयास करते हुए कहा कि सुबह लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा था कि उनके पास नोटिस आए है और इस पर निर्णय किया जा रहा है. इसी के तहत नियम 193 के तहत अल्पावधि चर्चा करायी जा रही है.
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आसन के आदेश पर कांग्रेस के संदीप दीक्षित चर्चा की शुरूआत करने के लिए खड़े हुए लेकिन उत्तेजित भाजपा, शिवसेना, जदयू सदस्य अध्यक्ष के आसन के करीब आ गए. भाजपा सदस्य अनुराग ठाकुर कुछ दस्तावेज फाड़ते और नारेबाजी करते देखे गए.
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इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने भाजपा सदस्यों के विरोध जताने पर कहा कि विपक्ष सदन के बाहर कुछ कहता है और अंदर कुछ.
उपाध्यक्ष ने सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने को कहा. इस बीच वीसीके सदस्य थोल थिरूमवलवन ने अध्यक्ष के आसन के समीप आकर राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी करार मुरूगन, संथन और पेरारीवलन की मौत की सजा को रद्द करने की मांग की. सदस्यों का हंगामा लगातार जारी रहने के बाद उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने सदन की कार्यवाही साढ़े तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी.उन्होंने इन बातों का भी खंडन किया कि उनकी सरकार के साथ कोई गोपनीय बातचीत चल रही है.