केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के कथित मामले में कडप्पा सांसद तथा वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख वाईएस जगनमोहन रेड्डी तथा 12 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया.
इस केंद्रीय जांच एजेंसी ने विशेष सीबीआई अदालत में जगनमोहन रेड्डी, उनके वित्तीय सलाहकार विजय साई रेड्डी और 11 अन्य के खिलाफ अपना आरोपपत्र दाखिल किया.
बचाव पक्ष के वकील अशोक रेड्डी ने कहा कि जगनमोहन रेड्डी पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों को लेकर आरोप लगाया गया है. भारतीय दंड संहिता के तहत कोई आरोप नहीं है.
अशोक रेड्डी ने दावा किया, ‘सीबीआई ने उनपर अपने पिता की मदद करने का आरोप लगाया है.’ 68 पृष्ठों के आरोपपत्र में सीबीआई ने 263 दस्तावेजों और 66 गवाहों का हवाला दिया है.
जगनमोहन रेड्डी को मुख्य आरोपी बनाया गया है जबकि विजय साई रेड्डी, निलंबित आईएएस अधिकारी बी पी आचार्य तथा जगती पब्लिकेशंस को सह आरोपी बनाया गया है. इसी पब्लिकेशंस से साक्षी अखबार निकलता है.
विजय साई रेड्डी को भारतीय दंड संहिता की आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी तथा अन्य प्रावधानों के तहत आरोपी बनाया गया है. अगस्त, 2011 में सीबीआई ने जगनमोहन रेड्डी और 73 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जिसमें उसने आरोप लगाया था कि सार्वजनिक संपत्ति और लाइसेंसों के लाभार्थी निवेशकों ने जगन की कंपनियों उंची प्रीमियम पर निवेश किया था.
दरअसल इन निवेशकों को आंध्रप्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी की ओर से पक्षधरता की गयी थी जिसके बदले में उन्होंने जगन की कंपनी में उंची प्रीमियम पर निवेश किया.
अबतक तेरह आरोपियों में से केवल विजय साई रेड्डी को ही गिरफ्तार किया गया है और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.