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चीन और भारत की नयी प्रौद्योगिकी उपलब्धियां नहीं चाहिए हमें: ओबामा

स्वच्छ ऊर्जा की वैश्विक दौड़ में सबसे आगे रहने के अपने प्रशासन के संकल्प को दोहराते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि वह भारत और चीन में हो रही नयी प्रौद्योगिकीगत उपलब्धियां नहीं लेना चाहते हैं.

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बराक ओबामा
बराक ओबामा

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स्वच्छ ऊर्जा की वैश्विक दौड़ में सबसे आगे रहने के अपने प्रशासन के संकल्प को दोहराते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि वह भारत और चीन में हो रही नयी प्रौद्योगिकीगत उपलब्धियां नहीं लेना चाहते हैं.

ओबामा ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘हमारी जर्मनी, चीन और दक्षिण कोरिया समेत पूरी दुनिया से प्रतिस्पर्धा हैं. वे जानते हैं कि स्वच्छ उर्जा से क्या मदद मिलने वाली है, उससे वर्षों तक नौकरियों के अवसर पैदा होंगे तथा आर्थिक वृद्धि होगी. इसलिए हमने यह सुनिश्चित किया है कि हम यह प्रतिस्पर्धा जीतें.’

उन्होंने कहा, ‘मैं चीन और भारत में हो रही नयी प्रौद्योगिकी उपलब्धियां नहीं मंगाना चाहता हूं.’ उन्होंने इस बात पर बल दिया कि वह ये सभी नौकरियां अमेरिकी कामगारों, अमेरिकी प्रौद्योगिकी और अमेरिकी पटुता से हो.

उन्होंने कहा, ‘हमारे पास सेवा क्षेत्र में ढ़ेर सारी नौकरियां होंगी क्योंकि हम परिपक्व अर्थव्यवस्था है लेकिन हमारी अर्थव्यवस्था हमेशा ही लंबित विनिर्माण पर निर्भर रहती है जहां हम माल तैयार करते हैं. हम विदेशों से माल खरीदते नहीं बल्कि तैयार करते हैं और उसे किसी अन्य को बेचते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यह उस स्थिति में लागू होता है जहां स्वच्छ उर्जा अर्थव्यवस्था तैयार हो रही है.’

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