लोकपाल के मुद्दे पर आंदोलन चला रहे अन्ना हज़ारे ने कहा है कि वह कोई पद नहीं चाहते क्योंकि ऐसा करने से उनके लिये वह काम जारी रखना संभव नहीं हो पायेगा जो वह अभी कर पा रहे हैं.
हज़ारे ने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति नहीं बनना चाहता. अगर मैंने कोई पद स्वीकार किया तो मैं आज जो कुछ काम कर रहा हूं, वह संभव नहीं हो पायेगा.’ उन्होंने कहा, ‘कई लोगों ने मुझे विधायक या सांसद अथवा मंत्री बनने को कहा लेकिन मैं इन पदों में दिलचस्पी नहीं रखता. मंत्री बनने के बाद मैं वह काम नहीं कर पाउंगा जो आज कर रहा हूं.’
इस बीच, हज़ारे ने दोहाराया कि अगर महाराष्ट्र की कांग्रेस नीत सरकार राज्य में प्रभावी और मजबूत लोकायुक्त के गठन के लिये विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन तक कोई विधेयक पेश नहीं करती है तो वह अनशन शुरू कर देंगे. उन्होंने कहा कि वह महात्मा गांधी और स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरित हैं. वह इन दो महान व्यक्तियों की विचाराधारा के आधार पर ही काम करना चाहते हैं.