उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि सीएमओ बी पी सिंह की हत्या में उपयोग किये गये दो पिस्तौल बरामद कर ली गयी हैं और उनकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार तीनों शूटरों तथा डिप्टी सीएमओ वाई एस सचान के मोबाइल फोन की काल रिकार्ड की मिलान से उनके बीच के संबंध प्रमाणित हो गये हैं.
प्रदेश के मंत्रिमंडलीय सचिव शशांक शेखर सिंह ने बताया, ‘सीएमओ सिंह की हत्या के आरोप में एसटीएफ द्वारा 17 जून को गिरफ्तार तीन अभियुक्तों आर के वर्मा, विनोद शर्मा और आनन्द तिवारी से हुई पूछताछ के आधार पर उनकी हत्या में प्रयोग किये गये दोनों पिस्तौल बरामद हो चुकी हैं.’ उन्होंने कहा कि तीनों अभियुक्तों में से एक वर्मा डॉ सचान का दोस्त था और उनके कहने पर सिंह की हत्या के लिये वर्मा ने दो अन्य शूटरों को काम को अंजाम देने के लिए धन दिया था.
शशांक शेखर ने बताया कि हत्या में प्रयुक्त पिस्तौल और मौके से मिले कारतूसों के खोखे की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट आपस में मेल खा रही हैं और तीनों अभियुक्तों के मोबाइल फोन की फारवरी के बाद से की गयी फोन कालों की जांच से यह प्रमाणित हो गया है कि वे सचान के संपर्क में थे. उन्होंने यह भी बताया कि काल रिकार्ड की जांच से घटना के दिन अभियुक्तों के घटनास्थल पर होने की बात भी साबित हो गयी है.
उन्होंने यह भी बताया कि जांच में एक सौरभ खन्ना का नाम भी सामने आया है, जिसने कि सचान को सिंह की हत्या करवाने के लिये पैसे दिये थे. यह बात भी सामने आयी है कि डॉ सचान का इरादा चुनाव लड़ने का भी था.
उल्लेखनीय है कि विभागीय गड़बड़ी के आरोप में पहले से ही गिरफ्तार डॉ सचान को बाद में दो अप्रैल को हुई बी पी सिंह की हत्या में मुख्य आरोपी बना दिया गया था और 22 जून को जिला जेल अस्पताल में उनकी रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गयी थी.